बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है. अमेरिका में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर निशाना साधा है. मायावती ने आरोप लगाया है कि SC, ST, OBC का आरक्षण खत्म करने के लिए कांग्रेस सालों षड्यंत्र में लगी है. दरअसल, अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी ने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमारा आरक्षण खत्म करने का कोई इरादा नहीं है. यह समय आरक्षण को खत्म करने का नहीं है.
मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, केन्द्र में काफी लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है. इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी.
1. केन्द्र में काफी लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी।
— Mayawati (@Mayawati) September 10, 2024
मायावती ने आगे लिखा, अब कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा राहुल गांधी के इस नाटक से भी सर्तक रहें जिसमें उन्होंने विदेश में यह कहा है कि भारत जब बेहत्तर स्थिति में होगा तो हम SC, ST, OBC का आरक्षण खत्म कर देंगे. इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षडयंत्र में लगी है. इन वर्गों के लोग कांग्रेसी नेता श्री राहुल गाँधी के दिए गए इस घातक बयान से सावधान रहें, क्योंकि यह पार्टी केन्द्र की सत्ता में आते ही, अपने इस बयान की आड़ में इनका आरक्षण जरूर खत्म कर देगी. ये लोग संविधान व आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से जरूर सजग रहें.
उन्होंने कहा कि सच्चाई में कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण-विरोधी सोच की रही है. केन्द्र में रही इनकी सरकार में जब इनका आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया तब इस पार्टी से इनको इन्साफ ना मिलने की वजह से ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. लोग सावधन रहें. कुल मिलाकर, जब तक देश में जातिवाद जड़ से खत्म नहीं हो जाता है तब तक भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर होने के बावजूद भी इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत बेहतर होने वाली नहीं है. अतः जातिवाद के समूल नष्ट होने तक आरक्षण की सही संवैधानिक व्यवस्था जारी रहना जरूरी है.
मायावती ने शिक्षक भर्ती को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि यूपी शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए. साथ ही, सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी नाईन्साफी ना हो.