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'जब सब कुछ बर्बाद हो गया...', मणिपुर CM बीरेन सिंह के इस्तीफे पर कांग्रेस का जोरदार हमला

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें जमकर निशाने पर लिया है. कांग्रेस का कहना है कि बीरेन सिंह का इस्तीफा देर से आया और यदि उन्हें पहले हटाया गया होता तो राज्य में पैदा हुई गंभीर स्थिति को टाला जा सकता था.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Congress strongly attacks Manipur CM N Biren Singh resignation

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें जमकर निशाने पर लिया है. कांग्रेस का कहना है कि बीरेन सिंह का इस्तीफा देर से आया और यदि उन्हें पहले हटाया गया होता तो राज्य में पैदा हुई गंभीर स्थिति को टाला जा सकता था. कांग्रेस नेताओं ने बीरेन सिंह के इस्तीफे के समय को लेकर सवाल उठाए और इसे केवल सार्वजनिक दबाव और कानूनी कार्रवाई के कारण होने वाली एक राजनीतिक आवश्यकता बताया.

राहुल गांधी का बयान

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "करीब दो साल तक बीजेपी के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह मणिपुर में विभाजन को बढ़ावा देते रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में हुई हिंसा, जानमाल की हानि और देश की एकता को नुकसान पहुंचाने के बावजूद उन्हें बने रहने की अनुमति दी." राहुल गांधी ने यह भी कहा कि बीरेन सिंह का इस्तीफा बढ़ते हुए जन दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के कारण हुआ. इसके साथ ही उन्होंने मणिपुर में शांति की बहाली के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मणिपुर का दौरा करने और लोगों की समस्याओं को सुनने का आह्वान किया.

कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस नेता उदीत राज ने भी बीरेन सिंह के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "जब कांग्रेस पार्टी सही समय पर उन्हें हटाने की मांग कर रही थी, तब उन्हें नहीं हटाया गया. अब, दोनों समुदायों के बीच दरार स्थायी हो गई है. इस सरकार का इस तरह से कार्यकाल खत्म होना समझ से परे है. जब सब कुछ बर्बाद हो चुका था, तब मुख्यमंत्री का इस्तीफा देना कोई मतलब नहीं रखता."

बीरेन सिंह का इस्तीफा
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा. उनके साथ बीजेपी और एनपीएफ के 14 विधायक भी मौजूद थे. सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा, "अब तक मणिपुर के लोगों की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है. मैं केंद्र सरकार का आभारी हूं जिन्होंने समय पर हस्तक्षेप किया, विकास कार्यों को लागू किया और मणिपुर के हर नागरिक के हितों की रक्षा की."

यह इस्तीफा दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के कुछ घंटे बाद आया. शनिवार को सिंह ने आगामी विधानसभा सत्र की तैयारी के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों की बैठक बुलाई थी. कांग्रेस की योजना थी कि वह आगामी सत्र में मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी, जिसके बाद बीरेन सिंह का इस्तीफा आया.

कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव
कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी जयराम रमेश ने भी बीरेन सिंह के इस्तीफे को लेकर तीखी आलोचना की. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "कांग्रेस कल मणिपुर विधानसभा में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी. माहौल को भांपते हुए मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया. यह मांग कांग्रेस ने मई 2023 से की थी, जब मणिपुर में हिंसा भड़की थी. मुख्यमंत्री का इस्तीफा देर से आया. अब मणिपुर के लोग प्रधानमंत्री से मिलने का इंतजार कर रहे हैं, जो अब तक मणिपुर नहीं गए हैं."

मणिपुर की स्थिति पर कांग्रेस की चिंता
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन इतने सारे लोगों की जान जाने के बाद और दो समुदायों के बीच दरार पैदा करने के बाद. अब केंद्र सरकार को मणिपुर में स्थिति को स्थिर करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए. केंद्र को दोनों समुदायों के बीच पुल का काम करना चाहिए और शांति स्थापित करनी चाहिए."