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India Daily

'मोदी सरकार तो खुद वसूली में लग गई', पेट्रोल-डीजल पर 2 रुपए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने पर कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

Congress slams Modi Government on increasing excise duty on petrol and diesel: केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Congress slams Modi Government on  increasing excise duty by Rs 2 on petrol and diesel
Courtesy: Social Media

Congress slams Modi Government on  increasing excise duty on petrol and diesel: सोमवार को, मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 2 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया. यह कदम वैश्विक तेल कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद उठाया गया है. हालांकि, सरकार का दावा है कि इस बढ़ोतरी से आम जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसे अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट से होने वाली कमी को समायोजित करने के रूप में देखा जा रहा है.

कांग्रेस ने सरकार पर लगाया ‘वसूली’ का आरोप

कांग्रेस ने इस फैसले पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें चार साल के सबसे निचले स्तर तक गिर चुकी हैं. ऐसे में मोदी सरकार को पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी करनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय सरकार ने खुद ही वसूली शुरू कर दी है. कांग्रेस ने ट्विटर पर आरोप लगाया, "मोदी सरकार ने कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा जनता को नहीं दिया, बल्कि खुद ही 2 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी."

कांग्रेस का कहना है कि सरकार इस तरह के कदम से अपने मुनाफे को बढ़ा रही है और आम जनता को इसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला है.

नई सरकारी घोषणा के अनुसार, पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी को 13 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है. यह बदलाव 8 अप्रैल 2025 से लागू होगा. हालांकि, सरकार का यह भी कहना है कि इस बढ़ोतरी के बावजूद आम जनता पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह वृद्धि वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट से होने वाली कटौती को समायोजित करेगी.

आम जनता पर नहीं पड़ेगा इसका असर

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "अगर कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल तक भी पहुंचती हैं, तो ओएमसी (ऑयल मार्केटिंग कंपनियाँ) के पास मूल्य संशोधन के लिए जगह होगी." इसका मतलब यह है कि सरकार का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा, भले ही एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई हो.

वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट

वैश्विक तेल कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. सोमवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 63.15 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गई, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड की कीमत 59.57 डॉलर प्रति बैरल रही. विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव के कारण है, जिसके कारण वैश्विक तेल की मांग में कमी आने का खतरा बढ़ गया है.

क्या सरकार की यह रणनीति सही है?

विश्लेषकों का मानना है कि सरकार द्वारा की गई एक्साइज ड्यूटी की बढ़ोतरी वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट के कारण संभावित घाटे को कवर करने के लिए की गई है. यस सिक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष, हर्षराज अग्रवाल ने बताया कि पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का यह निर्णय बाजार के हिसाब से उचित था. उन्होंने यह भी कहा कि अगर तेल की कीमतें और गिरती हैं तो ओएमसी को घाटे का सामना करना पड़ सकता है.