Congress slams Modi Government on increasing excise duty on petrol and diesel: सोमवार को, मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 2 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया. यह कदम वैश्विक तेल कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद उठाया गया है. हालांकि, सरकार का दावा है कि इस बढ़ोतरी से आम जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसे अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट से होने वाली कमी को समायोजित करने के रूप में देखा जा रहा है.
कांग्रेस ने सरकार पर लगाया ‘वसूली’ का आरोप
कांग्रेस ने इस फैसले पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें चार साल के सबसे निचले स्तर तक गिर चुकी हैं. ऐसे में मोदी सरकार को पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी करनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय सरकार ने खुद ही वसूली शुरू कर दी है. कांग्रेस ने ट्विटर पर आरोप लगाया, "मोदी सरकार ने कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा जनता को नहीं दिया, बल्कि खुद ही 2 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी."
आज कच्चा तेल 4 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
— Congress (@INCIndia) April 7, 2025
कहां मोदी सरकार को पेट्रोल-डीजल के दाम कम करके इसका फायदा आपको देना चाहिए था।
पर बजाय ऐसा करने के, मोदी सरकार तो ख़ुद वसूली में लग गई है। पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपए बढ़ा दी गई।
और ढोल पीटा जा रहा है कि इसका…
कांग्रेस का कहना है कि सरकार इस तरह के कदम से अपने मुनाफे को बढ़ा रही है और आम जनता को इसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला है.
LPG गैस सिलेंडर की ही कमी रह गई थी, मोदी जी…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 7, 2025
इस बार तो महँगाई का चाबुक “उज्जवला” की ग़रीब महिलाओं की बचत पर भी चल गया।
लूट, वसूली, हेराफेरी…सब मोदी सरकार के पर्याय बन चुके हैं। https://t.co/JiDRNhCS7q pic.twitter.com/63yS5HNIoj
नई सरकारी घोषणा के अनुसार, पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी को 13 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है. यह बदलाव 8 अप्रैल 2025 से लागू होगा. हालांकि, सरकार का यह भी कहना है कि इस बढ़ोतरी के बावजूद आम जनता पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह वृद्धि वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट से होने वाली कटौती को समायोजित करेगी.
PSU Oil Marketing Companies have informed that there will be no increase in retail prices of #Petrol and #Diesel, subsequent to the increase effected in Excise Duty Rates today.#MoPNG
— Ministry of Petroleum and Natural Gas #MoPNG (@PetroleumMin) April 7, 2025
आम जनता पर नहीं पड़ेगा इसका असर
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "अगर कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल तक भी पहुंचती हैं, तो ओएमसी (ऑयल मार्केटिंग कंपनियाँ) के पास मूल्य संशोधन के लिए जगह होगी." इसका मतलब यह है कि सरकार का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा, भले ही एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई हो.
वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट
वैश्विक तेल कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. सोमवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 63.15 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गई, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड की कीमत 59.57 डॉलर प्रति बैरल रही. विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव के कारण है, जिसके कारण वैश्विक तेल की मांग में कमी आने का खतरा बढ़ गया है.
क्या सरकार की यह रणनीति सही है?
विश्लेषकों का मानना है कि सरकार द्वारा की गई एक्साइज ड्यूटी की बढ़ोतरी वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट के कारण संभावित घाटे को कवर करने के लिए की गई है. यस सिक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष, हर्षराज अग्रवाल ने बताया कि पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का यह निर्णय बाजार के हिसाब से उचित था. उन्होंने यह भी कहा कि अगर तेल की कीमतें और गिरती हैं तो ओएमसी को घाटे का सामना करना पड़ सकता है.