Delhi Exit Polls: 2015, 2020, 2025, दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस फिर से 'जीरो', एग्जिट पोल्स ने की भविष्यवाणी
दिल्ली में आज विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया. मतदान के तुरंत बाद जारी हुए एग्जिट पोल्स ने सभी को चौंका दिया. तमाम एग्जिट पोल्स में दिल्ली में इस बार बीजेपी की सरकार बनती दिखाई दे रही है.
Delhi Exit Polls: दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी की हालत खराब दिख रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की वापसी का अनुमान जताया जा रहा है. पिछले दस साल से अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली में सत्ता में है, लेकिन इस बार एग्जिट पोल्स ने दिल्ली की राजनीति में कुछ बदलाव की उम्मीद जताई है.
जीरो या दो सीटों पर सिमट जाएगी कांग्रेस
एग्जिट पोल्स में एक बात जो समान रूप से सामने आई है, वह है कांग्रेस पार्टी की नकारात्मक स्थिति. अधिकतर एग्जिट पोल्स ने कांग्रेस को या तो शून्य या दो सीटों तक सीमित रखा है. यह पार्टी के लिए एक और बड़ा झटका है, जो दिल्ली की राजनीति में अपनी पकड़ बनाने के लिए संघर्ष कर रही है.
Matrize एग्जिट पोल ने कांग्रेस को एक सीट मिलने की संभावना जताई, जबकि Peoples Pulse ने कांग्रेस को पूरी तरह से खाली हाथ बताया. People's Insight और P-Marq ने भी कांग्रेस के लिए यही भविष्यवाणी की कि पार्टी या तो कोई सीट नहीं जीतेगी या कम से कम एक सीट हासिल करेगी.
Chanakya Strategies ने सबसे अधिक सीटों का अनुमान दिया, जिसमें कांग्रेस को 2-3 सीटें मिल सकती हैं. हालांकि, यह भविष्यवाणी बाकी पोल्स से काफी भिन्न है, और अभी भी कांग्रेस के लिए मुश्किलें बनी हुई हैं.
AAP और BJP की लड़ाई
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार चौथी बार सत्ता पर काबिज होने की ओर देख रही है. उनके खिलाफ बीजेपी भी अपनी वापसी के लिए पूरी ताकत लगा रही है, जो दिल्ली में 1998 के बाद से सत्ता से बाहर है.
2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का दबदबा कायम रहा था, और अब भी उनकी स्थिति मजबूत बनी हुई है. बीजेपी के नेताओं ने इस चुनाव में अपनी स्थिति सुधारने का हर संभव प्रयास किया है, लेकिन एग्जिट पोल्स में यह भी साफ है कि दिल्ली में बीजेपी को खासा फायदा नहीं हुआ है.
2020 और 2015 के चुनावों की तुलना
2020 के चुनावों में दिल्ली में मतदान प्रतिशत 62.82% था, जो 2015 में 67.47% था. यह आंकड़ा थोड़ा गिरा है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली की राजनीति में बदलाव की उम्मीद बनी हुई है.
2020 में जहां AAP ने शानदार प्रदर्शन किया था, वहीं इस बार भी उनकी सत्ता में वापसी की उम्मीद जताई जा रही है. भाजपा ने अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए अपनी रणनीतियों को बढ़ाया, लेकिन कांग्रेस का इस चुनाव में कोई बड़ा असर न होने का अनुमान है.