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'तुम्हारे पिता को साथ लेकर घूमा... चुप बैठ', BJP सांसद की किस बात पर भड़क गए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे?

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान विपक्ष का नेतृत्व करते हुए खड़गे ने सरकार पर तीखा हमला किया और "मनुवादी" विचारधाराओं के खिलाफ चेतावनी दी.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Congress president Mallikarjun Kharge slams BJP MP Neeraj Shekhar in Rajyasabha
Courtesy: Social Media
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राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को रुपये की गिरती वैल्यू और सरकार की नीतियों को लेकर सख्त आलोचना की. इस दौरान बीजेपी सांसद नीरज शेखर ने खड़गे की बातों में हस्तक्षेप किया, जिससे खड़गे बुरी तरह भड़क गए. खड़गे ने नीरज शेखर को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, "मैं तुम्हारे पिता का भी दोस्त था. उनके साथ घूमता था. चुप, चुप, चुप... चुप बैठो."

खड़गे का संविधान पर जोर

मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर विपक्ष की ओर से बहस की शुरुआत कर रहे थे. उन्होंने संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संविधान ही है, जो समाज के हर वर्ग को अधिकार देता है और इसे ही मान्यता मिली है, न कि मनुस्मृति को. खड़गे ने कहा, "यह संविधान ही है जिसने वित्त मंत्री को बजट पेश करने का अवसर दिया, न कि मनुस्मृति. हम सभी को संसद में बोलने का अधिकार संविधान से मिला है, मनुवादियों से नहीं." खड़गे के हाथ में मनुस्मृति की एक प्रति थी और उन्होंने पूछा कि क्या सभापति ने इसे पूरी तरह पढ़ा है.

मनुस्मृति पर खड़गे की टिप्पणी

मनुस्मृति एक प्राचीन हिंदू कानूनी और नैतिक ग्रंथ है, जो मनु को पहला मनुष्य और विधि निर्माता मानता है. खड़गे ने मनुस्मृति का हवाला देते हुए सरकार की "मनुवादी" विचारधारा पर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि संविधान ही समाज के हर वर्ग को समान अधिकार और अवसर देता है, जबकि मनुस्मृति में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है.

बेरोजगारी पर सवाल

खड़गे ने बेरोज़गारी के मुद्दे को भी उठाया और कहा, "देश में शिक्षित लोग बेरोजगार हैं क्योंकि देश में नौकरी के अवसर नहीं हैं. सरकारी विभागों में 35 से 40 लाख पद खाली हैं. ये पद क्यों नहीं भरे जा रहे?" खड़गे ने यह आरोप लगाया कि यह सब एक सुनियोजित रणनीति है, जिसका उद्देश्य दलितों को अवसर से वंचित करना है.

खड़गे का यह गुस्सा उस समय भड़का जब बीजेपी सांसद ने उन्हें बीच में टोका, जिससे खड़गे ने अपनी बात रोकते हुए नीरज शेखर को चुप रहने की कड़ी चेतावनी दी.