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राहुल गांधी बने नेता विपक्ष तो स्पीकर पर बिगड़ा INDIA का खेल? जानें ओम बिड़ला को जिताने का क्या है NDA प्लान

Rahul Gandhi: कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने का ऐलान कर दिया है. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड दोनों लोकसभा क्षेत्रों से जीत हासिल की थी. पिछले दस सालों से लोकसभा के अंदर विपक्ष का कोई नेता नहीं था क्योंकि सदन में विपक्ष का नेता बनने के लिए किसी भी राजनीतिक दल के पास उतनी सीटें नहीं थीं.

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Rahul Gandhi
Courtesy: Social Media

Rahul Gandhi: कांग्रेस ने मंगलवार को ऐलान कर दिया है 18वीं लोकसभा के लिए रायबरेली से पार्टी के सांसद राहुल गांधी विपक्ष के नेता होंगे. इसके साथ ही 2014 से निचले सदन में विपक्ष का नेता नहीं होने का 10 साल का सिलसिला खत्म हो गया. उल्लेखनीय है कि पिछले 10 सालों में लोकसभा में विपक्ष का नेता नहीं था, क्योंकि सत्ताधारी पार्टी के अलावा कोई भी राजनीतिक दल विपक्ष के नेता को नामित करने के लिए आवश्यक न्यूनतम लोकसभा सीटें हासिल नहीं कर पाया था.

कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया है." ​​राहुल गांधी ने वायनाड से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की एनी राजा को हराकर 364422 मतों के अंतर से जीत हासिल की, जबकि रायबरेली में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के दिनेश प्रताप सिंह को हराकर 390030 मतों के अंतर से जीत हासिल की.

 

2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस 52 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. यह अपेक्षित संख्या से तीन कम थी. 2014 के लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस, जो फिर से दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी, ने 44 लोकसभा सीटें जीतीं  जो कि तय संख्या से काफी कम थी.

2024 के लोकसभा चुनावों के बाद, कांग्रेस चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और 2019 के लोकसभा चुनाव में 52 से बढ़कर 100 पर पहुंच गई. इंडिया ब्लॉक की कुल संख्या 234 थी. लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव से एक दिन पहले राहुल गांधी को नेता विपक्ष घोषित किया गया.  

स्पीकर पद के लिए घमासान 

लोकसभा में स्पीकर पद के लिए पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान का दौर जारी है. कांग्रेस ने बीजेपी से डिप्टी स्पीकर के पद की मांग की थी जिस पर जवाब ना दिए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार उतार दिया. कोडिकुन्निल सुरेश को कांग्रेस ने स्पीकर पद के लिए उतारा है. 26 जून सुबह 11 बजे स्पीकर पद के लिए वोटिंग होगी. कांग्रेस और बीजेपी ने अपने सांसदों से वोटिंग के दौरान उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. एनडीए की सभी सहयोगी पार्टियों ने भी अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है. 

कांग्रेस के फैसले पर टीएमसी नाराज 

कांग्रेस द्वारा स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारे जाने के बाद इंडिया ब्लॉक में मतभेद के स्वर देखे गए हैं. ऐसे में इंडिया गठबंधन के लिए स्पीकर पद के लिए मुसीबतें तैयार हो गई हैं. तृणमूल कांग्रेस ने स्पीकर पद के उम्मीदवार के फैसले को एकतरफा करार दिया है. टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया,कोई बातचीत नहीं हुई यह एक दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है. उन्होंने कहा कि के सुरेश को इंडिया गठबंधन का संयुक्त उम्मीदवार के रूप में उतारे जाने का फैसला हमसे बगैर पूछे लिया गया. उन्हें समर्थन दिया जाएगा या नहीं इस पर अंतिम फैसला ममता बनर्जी लेंगी. 

इंडिया ब्लॉक की आज हुई बैठक में भी टीएमसी का कोई नेता बातचीत में शामिल नहीं हुआ. सूत्रों के मुताबिक टीएमसी ने के सुरेश के नामांकन पत्र पर भी हस्ताक्षर नहीं किए हैं.टीएमसी के पास 29 सांसद हैं जो स्पीकर चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. टीएमसी के तेवर को देखते हुए इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 

एनडीए की स्थिति मजबूत 

लोकससभा स्पीकर पद के चुनाव में इंडिया अलायंस की तुलना में एनडीए गठबंधन मजबूत स्थिति में है. बीजेपी के पास जहां अपने ही 241 सांसद हैं और एनडीए के पास कुल 292 सांसद हैं. वहीं, विपक्ष के पास कुल 233 सांसद हैं. इसके अलावा पांच सांसदों ने शपथ ग्रहण की है. इस वजह से वे स्पीकर पद के लिए चुनाव नहीं डाल सकेंगे. वहीं, दो सांसद निर्दलीय हैं जिन्होंने अभी तक शपथ नहीं ले पाई है. 

कौन हैं वे सात सांसद जो नहीं ले पाए शपथ

लोकसभा सदस्य की शपथ ना लेने वालों में  विपक्ष के पांच सांसद और दो निर्दलीय सांसद हैं. इन सात में दो जेल में बंद होने के कारण शपथ नहीं ले पाए. वहीं, शेष बचे पांच सांसदों के बारे में अभी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. 

  • अमृतपाल सिंह - निर्दलीय
  • इंजीनियर राशिद - निर्दलीय 
  • शत्रुघ्न सिन्हा - टीएमसी
  • दीपक अधिकारी- टीएमस
  • नुरुल इस्लाम- टीएमसी
  • शशि थरूर- कांग्रेस 
  • अफजाल अंसारी - सपा 

एनडीए या इंडिया किसे ज्यादा नुकसान

एनडीए के सबसे ज्यादा सांसदों ने शपथ ली है. शपथ लेने पांच सांसद विपक्षी गठबंधन के हैं तो 2 सांसद निर्दलीय हैं. ऐसे में इसका सीधा-सीधा नुकसान इंडिया अलायंस को होना ही है. हालांकि एक विकल्प यह है कि यह सांसद यदि स्पीकर पद के चुनाव से पहले शपथ ग्रहण कर लेते हैं तो वे वोट डालने में सक्षम हो सकते हैं जिसका फायदा इंडिया अलायंस को मिल सकता है.हालांकि सूत्रों के मुताबिक, इन सातों सांसद को लोकसभा स्पीकर पद के चुनाव के बाद ही शपथ दिलाई जाएगी. संख्या बल के हिसाब से एनडीए गठबंधन के उनम्मीदवार के तौर पर ओम बिड़ला की जीत तय मानी जा रही है.