नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 18 सिंतबर से संसद का विशेष सत्र बुलाया है. विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस तैयारी में जुट गई है. मंगलवार को ही कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की अगुवाई में संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई. बैठक के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार के सामने अपनी मांग रखी है.
कांग्रेस की मांग
मीडिया से बात करते हुए पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हमें संसद के विशेष सत्र की जानकारी नहीं दी गई है. नियम के मुताबिक इसकी जानकारी सभी पार्टियों को पहले दी जाती है. हम सत्र में भाग लेना चाहते हैं, लेकिन इसमें जनता के मुद्दे पर भी चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम पीएम मोदी चालीसा के लिए नहीं बैठेंगे. क्या हम पीएम का गुणगान करने और वाहवाही के लिए संसद में आते हैं? हम सरकार से मांग करेंगे कि संसद के एजेंडे की जानकारी दी जाए. जैसा 5 अगस्त 2019 को हुआ वैसा ना हो.
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बताया कि मीटिंग में देश के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि इसमें आर्थिक समस्या, महंगाई, बेरोजगारी, हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा, मणिपुर के हालात और अडानी ग्रुप जैसे मामले हैं.
सत्र में पांच बैठकें होंगी
लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक, संसद के दोनों सदनों का सत्र 18 से 22 सितंबर तक प्रश्नकाल के बिना किया जाएगा. इस सत्र में पांच बैठकें होंगी और सदस्यों को वैकल्पिक कैलेंडर के बारे में अलग से जानकारी दी जाएगी. इसके पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 31 अगस्त को अपनी पोस्ट में लिखा कि संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है. इसमें पांच बैठक होगी.