आजादी का 78वां साल, छात्रों का तिरंगा जुलूस और स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की एक टी शर्ट. कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय मुख्य आयोजक लालजी देसाई और गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रुत्विक मकवाना 'तीन की तिकड़ी' में ऐसे फंसे कि अपने 5 अन्य सहयोगियों पर भी केस दर्ज करा बैठे. उन्होंने सुरेंद्र नगर के एक सरकारी स्कूल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया तो सरकारी कर्मचारी को उसके काम से रोकने के मामले में पुलिस मुकदमे का शिकार हो गए.
प्राइमरी स्कूल के छात्रों ने बुधवार को तिरंगा यात्रा में भाग लेने के दौरान वीर सावरकर और चंद्रशेखर आजाद की तस्वीरों वाली टी-शर्ट पहनी थी. कांग्रेस नेताओं को इन टीशर्ट्स पर आपत्ति थी. उन्होंने रोका तो बवाल हो गया. चोटिला पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR की मानें तो इन नेताओं ने न केवल यात्रा को बाधित किया, बल्कि सांगनी गांव के प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को उनकी ड्यूटी करने से रोका. भारतीय न्याय संहिता में इसे अपराध माना गया है और इसके चलते, उन पर केस हो गया.
FIR में कहा गया है कि नेताओं ने छात्रों की रैली रोकी, सरकारी काम में बाधा डाला. दिन में करीब 11 बजे नेताओं ने तिरंगा यात्रा रोकी और हंगामा किया. छात्रों को गुजरात न्याय यात्रा रोकने के लिए मजबूर किया गया. गुजरात कांग्रेस की न्याय यात्रा निकल रही थी, इसी दौरान तिरंगा यात्रा टकरा गई. इसके बाद ही बवाल भड़का.
कांग्रेस नेताओं ने भगवा रंग में वीर सावरकर और चंद्रशेखर आजाद की तस्वीरों वाले टी शर्ट पर आपत्ति जताई और सोशल मीडिया पर उसे अपलोड किया. लालजी देसाई ने उनसे कहा कि छात्रों को वीर सावरकर वाली टी शर्ट पहनने के लिए कहना सही नहीं है. लाल जी देसाई ने प्रधानाचार्य को फटकारते हुए कहा था कि वीर सावर की टी शर्ट पहनने के लिए कहने में आपको शर्म नहीं आती, वे महात्मा गांधी की हत्या की साजिश रचने में शामिल थे.
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं आपको नाथूराम गोडसे या किसी रंगा बिल्ला दाउद की टी शर्ट दूं तो आप क्या छात्रों से पहनने के लिए कहेंगे? वीर सावरकर की टीशर्ट पहनने के लिए कहकर स्वतंत्रता का अपमान न करें.
पुलिस शिकायत में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं ने बच्चों से टी शर्ट उतरवाने के लिए टीचरों पर दबाव बनवाया. प्रधानाचार्य ने कहा कि यह टीशर्ट उन्हें एक ट्रस्ट की ओर से गिफ्ट में मिले हैं. उन्होंने कहा है कि ऐसी बातें स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करते हैं.