झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा से पहले कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मंगलवार यानी आज मांग की है कि मतदान बैलेट पेपर से होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया जाएगा, तो भाजपा सरकार और चुनाव आयोग कुछ भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर इजरायल अपने पेजर में हेराफेरी करके लोगों को मार सकता है, तो कुछ भी हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं.
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रहा है और भाजपा के दबाव में है. झामुमो नेता मनोज पांडेय ने कहा, 'चुनाव की घोषणा आज होनी है लेकिन भाजपा नेताओं को इसकी जानकारी कल ही मिल गई. यह बहुत गंभीर मामला है. क्या आयोग भाजपा नेताओं के इशारे पर काम करता है? आयोग को कठपुतली बनाकर रखना गंभीर मामला है.'
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से ट्वीट किया, 'बॉस ने सब कुछ सेट कर दिया है. क्या सीन है! @ECISVEEP, क्या आप कुछ कहेंगे?' बता दें कि यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत का चुनाव आयोग (ईसीआई) विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा करने वाला है. दरअसल विपक्ष कई सालों से ईवीएम में धांधली का आरोप लगाता आ रहा है और भाजपा की चुनावी सफलता का श्रेय चुनाव आयोग के साथ उसकी कथित सांठगांठ को देता रहा है. हालांकि चुनाव आयोग ने कई मौकों पर इस आरोप का खंडन किया है.
वहीं अब कांग्रेस नेता राशिद अल्वी के बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पलटवार करते हुए कहा, चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही कांग्रेस के इशारे पर राशिद अल्वी ने हथियार डाल दिए और हार स्वीकार कर ली. यह हार स्वीकार करने का बयान है. हरियाणा में चुनाव में हार के बाद उन्होंने ईवीएम को दोषी ठहराया लेकिन यहां तो ईवीएम को पहले ही दोषी ठहराया जा रहा है.'