'बीजेपी हमारी वजह से दिल्ली में जीती, मुसलमानों में बहुत चिंता', कांग्रेस के बड़े मुस्लिम नेता का कबूलनामा!

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत हुई है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में अरविंद केजरीवाल के 10 साल के शासन का अंत हो गया है. बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतीं, जबकि आप सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई.

Social Media

Delhi Election Result: कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने दिल्ली चुनाव में भाजपा की जीत पर अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम राष्ट्रीय राजधानी में मुस्लिम समुदाय के लिए चिंता का विषय होना चाहिए. गौरतलब है कि करीब 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा को जीत मिली है, जबकि कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और वह चुनाव में कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाई.

राशिद अल्वी ने क्या कहा?

अल्वी ने कहा कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ती तो बीजेपी को जीत नहीं मिलती. उन्होंने कहा, "अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ती तो बीजेपी को जीत नहीं मिलती. कांग्रेस आलाकमान को तय करना है कि हमें अपने सहयोगियों के साथ जाना है या अकेले चुनाव लड़ना है.

दिल्ली के मुसलमानों के लिए चिंता का विषय- राशिद अल्वी

कांग्रेस नेता ने कहा, "दिल्ली में जो कुछ हुआ है, वह दिल्ली के मुसलमानों के लिए चिंता का विषय है. दिल्ली के इस चुनाव ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि भाजपा हमारी (कांग्रेस) वजह से चुनाव जीती है. अगर हमें भाजपा को हराना है तो हमें गठबंधन में सभी दलों का सम्मान करना होगा और गठबंधन को मजबूत करना होगा तथा एकजुट होकर चुनाव लड़ना होगा.

जानिए कैसा रहा दिल्ली चुनाव का रिजल्ट?

दिल्ली में शनिवार को 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीटें जीतकर भाजपा 27 साल बाद सत्ता में लौटी. 5 फरवरी को हुए चुनाव में आप को 22 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली. पार्टी नेताओं ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद अगले सप्ताह भाजपा सत्ता में आने का दावा पेश कर सकती है.

पिछले 10 सालों में बीजेपी का वोट शेयर करीब 13 प्रतिशत बढ़ा

दिल्ली में पिछले 10 सालों में बीजेपी का वोट शेयर करीब 13 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि इसी अवधि में आप का वोट शेयर करीब 10 प्रतिशत घटा है. दिल्ली में हुए बेहद कड़े विधानसभा चुनावों में बीजेपी और आप के वोट शेयर में सिर्फ दो प्रतिशत का अंतर था. भगवा पार्टी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता हासिल की है, जबकि आप को 22 सीटों पर रोक दिया है.

आप को 2020 के चुनावों में 53.57 प्रतिशत से कम 43.57 प्रतिशत वोट मिले. 2015 के विधानसभा चुनावों में उसे 54.5 प्रतिशत वोट मिले थे. यह शायद पहली बार है कि कोई पार्टी 40 प्रतिशत वोट शेयर पाने के बाद भी चुनाव हार गई. 2020 और 2015 में पार्टी ने क्रमशः 67 और 62 सीटें हासिल करके भारी जनादेश हासिल किया था.

BJP को चुनाव में मिला 45.56 प्रतिशत वोट शेयर  

भाजपा ने 45.56 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया और 48 सीटें जीतीं। भगवा पार्टी का वोट शेयर 2020 में 38.51 प्रतिशत और 2015 के चुनावों में 32.3 प्रतिशत से बढ़ा है. कांग्रेस, जो 1998 से 2013 तक 15 साल तक दिल्ली में सत्ता में रही, ने कोई सीट नहीं जीती और 6.34 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया. इस पुरानी पार्टी के लिए एकमात्र सांत्वना यह थी कि पिछली बार की तुलना में उसके वोट शेयर में 2.1 प्रतिशत का सुधार हुआ.