'ऐसा कैसे संभव है कि...', मोबाइल टैरिफ बढ़ाए जाने पर कांग्रेस का मोदी सरकार पर जोरदार हमला
मोबाइल सेवा शुल्क बढ़ाए जाने पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोबाइल सेवा के क्षेत्र में केवल तीन कंपनियों का एकाधिकार है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है तीनों कंपनियों ने अपने हितों को ध्यान में रखते हुए आपसी सांठगांठ कर शुल्क की दरों में वृद्धि की है. चुनाव होती है मोदी सरकार ने देश के 109 करोड़ मोबाइल यूजर्स की जेब पर बोझ डाल दिया है.
मोबाइल सेवा शुल्क बढ़ाने पर मोदी सरकार विपक्ष के निशाना पर आ गई है. देश की तीन बड़ी निजी कंपनियों द्वारा मोबाइल सेवा शुल्क में वृद्धि किए जाने पर कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश के 109 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स को लूट रही है. देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने कहा कि सरकार बिना निरीक्षण और विनियमन के इन कंपनियों को ऐसा करने की अनुमति कैसे दे सकती है?
109 करोड़ मोबाइल उपभोक्ताओं को लूट रही मोदी सरकार
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए लेकिन देश में 'क्रोनी कैपिटलिज्म' अभी भी जारी है. कांग्रेस के मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि निजी सेल कंपनियों को मुनाफाखोरी की अनुमति देकर मोदी सरकार देश के 109 करोड़ मोबाइल उपभोक्ताओं को लूट रही है.
जनता की जेब पर 34,824 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा
सुरजेवाला ने कहा, '3 जुलाई से देश की तीन प्रमुख सेल फोन कंपनियों रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अपने टेरिफ में औसतन 15 प्रतिशत की वृद्धि की है. इन तीन कंपनियों का 91.6 प्रतिशत मार्केट पर कब्जा है या 119 करोड़ सेल फोन यूजर्स में से इन तीन कंपनियों 31 दिसंबर 2023 तक 109 करोड़ यूजर्स हैं.' उन्होंने TRAI का हवाला देते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से भारत के मोबाइल यूजर्स पर सालाना 34,824 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा.
सुरजेवाला ने कहा, 'भारत में सेल फोन बाजार एक अल्पाधिकार है. यानी सेल फोन के क्षेत्र में कुछ ही कंपनियों का दबदबा है, जिसमें रिलायंस जिओ के पास 48 करोड़, एयरटेल के पास 39 करोड़ और वोडाफोन आइडिया के पास 22.37 करोड़ यूजर्स हैं.'
उन्होंने कहा कि इनमें से जियो और एयरटेल के पास 87 करोड़ ग्राहक हैं जो उन्हें इस क्षेत्र में एकाधिकार देता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि रिलायंस जियो ने अपनी मोबाइल सेवा शुल्क में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की है. एयरटेल ने 15 प्रतिशत और वोडाफोन आइडिया ने 16 प्रतिशत की वृद्धि की है.
क्या सांठगांठ कर बढ़ाए गए ट्रैरिफ
सुरजेवाला ने कहा कि इससे दो बातें निकलकर सामने आ रही है. पहला ये कि ऐसा लगता है तीनों कंपनियों ने अपने-अपने हितों को ध्यान में रखते हुए आपसी सांठगांठ कर टैरिफ बढ़ाए हैं. दूसरा बढ़ी हुई दरों को लागू करने की तारीख तीनों कंपनियों की एक ही है. उन्होंने सवाल किया कि मोदी सरकार और भारतीय दूर संचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 109 करोड़ उपभोक्ताओं के प्रति अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी से क्यों मुंह मोड़ लिया है?
सुरजेवाला ने कहा कि मोबाइल सेवाओं की कीमतों में यह वृद्धि पहले ही होने वाली थी लेकिन सरकार ने चुनाव होने तक इस वृद्धि को टाल दिया था और अब चुनाव होते ही 109 करोड़ मोबाइल यूजर्स पर यह बोझ डाल दिया गया.
समान दरें कैसे बढ़ा सकती हैं तीनों कपंनियां
सुरजेवाला ने कहा कि सभी प्राइवेट सेलफोन कंपनियां समान दरें कैसे बढ़ा सकती हैं जबकि इन कंपनियों का लाभांश, निवेश और बाजार पूंजीकरण एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है. मोदी सरकार इस पर आंख मूंदकर क्यों बैठ गई है?
राजस्व में होगी 15 प्रतिशत की वृद्धि
सुरजेवाला ने कहा कि पीएम मोदी इन 109 करोड़ मोबाइल उपभोक्ताओं के प्रति जवाबदेह हैं. गौरतलब है कि शीर्ष तीन दूरसंचार कंपनियों के मोबाइल सेवाओं के शुल्क में बढ़ोतरी करने से प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) में 15 प्रतिशत की वृद्धि होगी.