Bharat Jodo Nyay Yatra : कांग्रेस द्वारा सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' छठवें दिन असम के माजुली में पहुंची. शुक्रवार को असम के माजुली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने श्री श्री औनियाती सत्र का दर्शन किया. इस दौरान उन्होंने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया. इसके लिए राहुल ने बजरंगबली का मुखौटा पहनकर और हाथ में गदा लेकर पोज भी दिए.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कुछ असम यात्रा के दौरान की कुछ तस्वीरें पोस्ट की हैं. इसमें उन्होंने चेहरे पर मुखौटा पहन रखा है और हाथ में गदा ले रखा हैं. इन तस्वीरों के साथ ही राहुल ने एक पोस्ट भी शेयर की है. इस पोस्ट में राहुल ने 'जय बजरंगबली'लिखते हुए कहा है कि 'हमारी प्यारी मातृभूमि पर उनका (बजरंगबली का) आशीर्वाद हमेशा बना रहे.' इसके साथ ही पोस्ट में बताया गया है कि राहुल गांधी मुखौटा बनाने की पारंपरिक कला को बढ़ावा दे रहे हैं. माजुली की नव वैष्णव संस्कृति का जश्न मना रहे हैं. #UnityInDivesity का जश्न मना रहे हैं.
आज, असम में ब्रह्मपुत्र नदी में नाव की यात्रा कर श्री श्री औनियाती सत्र के दर्शन के लिए पहुंचा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 19, 2024
सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, शंकर देव जी की भूमि, असम हमें सभी को साथ लेकर चलने का जीवन दर्शन सिखाती है।
ऐसी महान संस्कृति को नज़दीक से जानने और समझने का मौका पाकर संतोष प्राप्त हुआ। pic.twitter.com/1qRpmOwpxl
सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट में आगे लिखा है कि 'आज श्री श्री औनियाती सत्र के दर्शन के लिए असम में ब्रह्मपुत्र नदी में नाव यात्रा की. सास्कृतिक रुप से समृद्ध शंकर देव जी की भूमि, असम हमें सभी को साथ लेकर चलने का जीवन दर्शन सिखाती है. यह अवसर पाकर संतुष्टि हुई, इतनी महान संस्कृति का इतना करीब से समझा'.
औनियाती सत्र की स्थापना 1663 ई. में अहोम राजा सुतमाला (1648-1663 ई.) द्वारा माजुली में की गई थी. औनियाती सत्र के प्रथम सत्राधिकारी श्री श्री निरंजन देव से हिंदु धर्म (वैष्णव) अपनाने के बाद उन्हें जयध्वज सिंह नाम दिया गया.
इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राहुल गांधी की श्री श्री औनियाती सत्र की यात्रा को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के छठवे दिन का मुख्य आकर्षण बताया है. राहुल गांधी ने औनियाती सत्र के दर्शन करने के लिए नाव की सवारी की. यात्रा के बाद उन्होंने काफी खुशी व्यक्त की है.
इसके साथ ही महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि औनियाती सत्र हमारे देश के अद्भुत विविध सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यहां भगवान श्रीकृष्ण को गोविंदा रूप में पूजा जाता है. यह मूल मूर्ति पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर से लाई गई है. इस संप्रदाय के लिए इसी तरह के पूजा स्थल नाथद्वारा, द्वारका और मणिपुर में मौजूद हैं. वहां आधे घंटे की यात्रा निसंदेह भारत जोड़ो न्याय यात्रा के छठवें दिन का मुख्य आकर्षण रही है.
श्री श्री औनियाती सत्र की स्थापना 1663 में माजुली में हुई थी। यह हमारे देश के विविधता से भरे अद्भुत सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। भगवान कृष्ण की गोविंदा के रूप में पूजा की जाती है, जिसकी मूल मूर्ति पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर से लाई गई है। इस… https://t.co/4F41jkZ8Nd
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 19, 2024