राहुल गांधी ने वर्कप्लेस पर उत्पीड़न के खिलाफ उठाई आवाज, वीडियो शेयर कर बोले- पीड़ित हमसे करें संपर्क
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का यह बयान भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में उत्पीड़न और शोषण के मामलों को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करता है. उनकी ओर से उठाए गए मुद्दे वर्कप्लेस पर कर्मचारियों के अधिकारों और उनके शोषण के खिलाफ एक बड़े संघर्ष की ओर इशारा करते हैं.
लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार बीजेपी के नीतियों के खिलाफ हमलावर है. इस दौरान राहुल गांधी ने शनिवार (29 मार्च) को भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को संकट में डालने के लिए बीजेपी सरकार पर "क्रोनीवाद" और "विनियामक अव्यवस्था" का आरोप लगाया. उनका कहना था कि इन कारणों से बैंक कर्मचारियों को "तनाव और वर्कप्लेस में टॉक्सिक परिस्थितियों" का सामना करना पड़ रहा है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक वीडियो पोस्ट किया. जिसमें राहुल गांधी ने पूर्व-आईसीआईसीआई बैंक कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल से अपनी मुलाकात का वीडियो शेयर किया, जिनका कहना है कि उन्हें "अव्यवस्था" के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा.
राहुल गांधी ने बैंक कर्मचारियों की समस्याओं को उठाया
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ऐसे पेशेवर कर्मचारियों के लिए संघर्ष करेगी और वर्कप्लेस पर होने वाले "उत्पीड़न और शोषण" को समाप्त करेगी. राहुल गांधी ने उन लोगों से भी आग्रह किया जिन्होंने इसी तरह के "असामान्य व्यवहार" का सामना किया हो, वे उनसे संपर्क करें.
सरकार पर 16 लाख करोड़ की लोन माफी का आरोप
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने अपने "अरबपति दोस्तों" के लिए 16 लाख करोड़ के लोन माफ कर दिए हैं. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार की 'आर्थिक अव्यवस्था' का मानव लागत है, जो हजारों ईमानदार कामकाजी पेशेवरों को प्रभावित करता है.
बीजेपी सरकार ने अपने अरबपति दोस्तों के लिए 16 लाख करोड़ के लोन माफ किए हैं. क्रोनीवाद और विनियामक अव्यवस्था ने भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को संकट में डाला है, और इसका बोझ आखिरकार जूनियर कर्मचारियों को उठाना पड़ता है, जिन्हें तनाव और वर्कप्लेस में टॉक्सिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है.
पूर्व-ICICI बैंक कर्मचारियों के साथ बैठक में खुलासा
राहुल गांधी ने शुक्रवार को संसद में पूर्व-आईसीआईसीआई बैंक कर्मचारियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि उनकी कहानियाँ एक चिंताजनक पैटर्न को उजागर करती हैं. "इन कर्मचारियों ने वर्कप्लेस पर उत्पीड़न, जबरन स्थानांतरण, एनपीए उल्लंघनकर्ताओं को लोन देने की अनैतिक प्रक्रिया का विरोध करने पर प्रतिशोध, और बिना प्रक्रिया के बर्खास्तगी की बातें की. दो दुखद मामलों में तो यह आत्महत्या तक पहुंचा.
उन्होंने कहा, "अगर आप एक कामकाजी पेशेवर हैं, जिन्होंने इस तरह के अन्याय का सामना किया है, तो अपनी कहानी मुझसे शेयर करें.