Congress Plea In Supreme Court: 'चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने से मोदी सरकार को रोकें', कांग्रेस नेता ने SC में दायर की याचिका
Congress Plea In Supreme Court: केंद्रीय चुनाव आयोग के चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से पहले कांग्रेस की नेता सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस की नेता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्र सरकार को तत्काल चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने से रोकने की मांग की है.
Congress Plea In Supreme Court: केंद्रीय चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्तों के खाली पड़े 2 पदों के लिए नियुक्ति की कवायद तेज हो गई है. उधर, मध्य प्रदेश कांग्रेस की नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में मांग की गई है कि केंद्रीय चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से तत्काल केंद्र सरकार को रोका जाए. कांग्रेस नेता की ओर से याचिका ऐसे वक्त में दाखिल की गई है, जब इस हफ्ते के आखिर तक केंद्रीय चुनाव आयोग में खाली पड़े दोनों पदों पर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति होने की उम्मीद है.
मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेता की ओर से दायर याचिका में ये भी मांग की गई है कि अरूप बरनवाल के फैसले के मुताबिक, केंद्रीय चुनाव आयोग के चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के निर्देश दिए जाएं. मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट से ये भी गुजारिश की है कि धारा 7 और 8 के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से सरकार को तत्काल रोके.
उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर नया कानून, निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के खिलाफ है. कांग्रेस नेता ने 2023 के आदेश के मुताबिक चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए निर्देश देने की मांग की.
दरअसल, 2023 में एक संविधान पीठ ने फैसला सुनाया था कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश के पैनल की सलाह पर की जानी चाहिए. जया ठाकुर की ओर से याचिका दाखिल करने से एक दिन पहले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बड़ा आरोप लगाया था.
खड़गे बोले थे- लोकतंत्र पर कर लिया जाएगा कब्जा
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि देश में अब सिर्फ मुख्य निर्वाचन आयुक्त रह गए हैं. उन्होंने कहा कि मैंने पहले कहा है, अगर हम अपने स्वतंत्र संस्थाओं की बर्बादी को नहीं रोकते, तो तानाशाह सरकार हमारे लोकतंत्र पर कब्ज़ा कर लेगी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ध्वस्त होने वाली आखिर की संवैधानिक संस्था होगी.
दो दिन पहले यानी शनिवार को ही चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दिया है. उनके इस्तीफे के बाद तीन सदस्यों वाली चुनाव आयोग में अब सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं. फरवरी में अनूप चंद्र पांडे भी चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर हो गए थे.
ऐसे होगा नए चुनाव आयुक्तों का चयन
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्त (EC) की नियुक्ति को लेकर नए कानून के मुताबिक, केंद्रीय कानून मंत्री की अध्यक्षता वाली और दो केंद्रीय सचिवों वाली समिति 5 नामों को शॉर्टलिस्ट करेगी. दरअसल, भारत के निर्वाचन आयोग ने पिछले साल यानी 29 दिसंबर 2023 को मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े कानून में बदलाव किया था.
बदलाव के बाद नए कानून के मुताबिक, केंद्रीय कानून मंत्री और दो केंद्रीय सचिवों की एक सर्च कमेटी होगी, जो 5 नामों को शॉर्ट लिस्ट करेगी. ये कमेटी शॉर्ट लिस्ट किए गए नामों को सिलेक्शन कमेटी को देगी. इसके बाद प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता की तीन सदस्यों की कमेटी इन पांच में से एक नाम का चयन करेगी, जिसकी मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. इसके बाद अगर राष्ट्रपति की मंजूरी मिलती है, तो फिर मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी.
केंद्रीय चुनाव आयोग में खाली पड़े दो चुनाव आयुक्तों की जगह नई नियुक्ति के लिए 13 या फिर 14 मार्च को पीएम की अध्यक्षता वाले पैनल की बैठक हो सकती है. सूत्रों का दावा है कि 15 मार्च को दोनों चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भी हो सकती है.