प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरियाणा के हिसार में दिए गए एक बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर वक्फ संपत्तियों का उपयोग "ईमानदारी" से किया गया होता, तो मुस्लिम युवाओं को जीविका के लिए साइकिल के पंक्चर सुधारने की जरूरत नहीं पड़ती. विपक्षी नेताओं ने इस बयान को लेकर पीएम पर जमकर हमला बोला है.
हिसार में पीएम का बयान
वतन पर हँस के जो कट जायें एैसे सर बनाते हैं,
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) April 14, 2025
ये किसने कह दिया तुमसे कि बस पंक्चर बनाते हैं।
-IP pic.twitter.com/DoeJsw7wVg
ओवैसी का पलटवार
एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी विचारधारा और संसाधनों का उपयोग देशहित में किया होता, तो शायद पीएम को बचपन में "चाय बेचने" की जरूरत नहीं पड़ती. ओवैसी ने सवाल उठाया कि 11 साल के शासन में पीएम ने गरीब हिंदुओं और मुस्लिमों के लिए क्या किया. उन्होंने एक्स पर लिखा, "वक्फ संपत्तियों के साथ जो हुआ, उसका सबसे बड़ा कारण कमजोर वक्फ कानून हैं. मोदी का वक्फ संशोधन इन्हें और कमजोर करेगा."
कांग्रेस ने बताया 'ट्रोल्स की भाषा'
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने पीएम के बयान को 'ट्रोल्स की भाषा' करार दिया. उन्होंने कहा, "यह बयान प्रधानमंत्री के पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है. आपने देश के युवाओं को ऐसी स्थिति में ला दिया है, जहां नौकरियां नहीं हैं. उनके पास पंक्चर सुधारने या पकौड़े बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है." उन्होंने आगे कहा, "मुस्लिम सिर्फ पंक्चर नहीं बनाते, मैं बता सकता हूं कि उन्होंने क्या-क्या बनाया है, लेकिन अभी यह समय नहीं है."
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, "आप कहते हैं कि कांग्रेस मुस्लिमों की समर्थक है. क्या आप उनसे नफरत करते हैं? अगर नहीं, तो फिर मुख्तार अब्बास नकवी, शाहनवाज हुसैन, एमजे अकबर और जफर इस्लाम को कूड़ेदान में क्यों फेंका? आप कहते हैं कि वक्फ बिल से मुस्लिमों का भला करेंगे, लेकिन आपके पास लोकसभा में इसे पेश करने के लिए एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है." पीएम मोदी का यह बयान और विपक्ष की प्रतिक्रिया एक बार फिर सियासी बहस को गर्मा रही है. वक्फ संपत्तियों और मुस्लिम युवाओं की स्थिति पर यह चर्चा आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है.