'PDP का मैनेफेस्टो पढ़कर गठबंधन किया था क्या?' अमित शाह के सवाल पर कांग्रेस ने किया पलटवार
Jammu Kashmir Elections: कांग्रेस पार्टी ने अब अमित शाह से सवाल पूछा है कि क्या बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन से पहले उन्होंने पीडीपी का मैनिफेस्टो पढ़ा था? इससे पहले अमित शाह ने सवाल पूछा था कि क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावी वादों से सहमत हैं?
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के साथ ही राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सवाल पूछे थे. अमित शाह ने राहुल गांधी से पूछा था कि क्या वह नेशनल कॉन्फ्रेंस के उन वादों का समर्थन करते हैं जिसमें उसने अनुच्छेद 370 की वापसी की बात कही है. इस पर पलटवार करते हुए अब कांग्रेस ने अमित शाह को जवाब देते हुए सवाल पूछे हैं. कांग्रेस की ओर से पवन खेड़ा ने पूछा है कि क्या जब बीजेपी ने पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (PDP) से गठबंधन किया था तो उसका मैनिफेस्टो पढ़कर किया था?
अमित शाह ने पूछा था, 'क्या कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंसके जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी धारा 370 और आर्टिकल 35A को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के JKNC के निर्णय का समर्थन करती है?' इसी तरह से कुल 10 सवाल अमित शाह ने पूछे थे और इस गठबंधन को लेकर सवाल उठाए थे. बता दें कि इन दोनों दलों ने लोकसभा चुनाव में भी हाथ मिलाया था.
PDP-BJP के पुराने गठबंधन पर कांग्रेस ने पूछे सवाल
अब अमित शाह के सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस के पवन खेड़ा ने कहा है, 'मैं अमित शाह जी से यह जानना चाहता हूं कि क्या जब इन लोगों ने पीडीपी से समझौता किया था तो उसका मैनिफेस्टो पढ़ा था? चलिए पीडीपी का मैनिफेस्टो नहीं पढ़ा होगा जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों की करेंसी का जिक्र था कि दोनों को लागू किया जाए. उसमें सेल्फ रूल के बारे में लंबा-चौड़ा डॉक्यूमेंट था. उसके बावजूद आपने उनसे समझौता करके उनके साथ सरकार बनाई. सरकार बनाने के बाद कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया. उसमें आपने क्या लिखा कि अटल जी की नीति पर चलते हुए हुर्रियत से भी बात करेंगे. क्यों लिखा था ऐसा?'
पवन खेड़ा ने आगे कहा, 'अनाप-शनाप बोलने की एक बीमारी सी लग गई है इन लोगों को. बताइए गृहमंत्री के पद पर बैठे हैं और इस तरह की हल्की बातें करते हैं. प्रधानमंत्री को विदेश में जाकर नेहरू जी के बारे में शिक्षा मिलती है यह जानकर अच्छा लगता है. बाहर जाकर गांधी जी के आगे झुकना पड़ता है ये देखकर और अच्छा लगता है. घर में गोडसे और बाहर गांधी, यह नीति है प्रधानमंत्री की.'
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन किया है. इसको लेकर बीजेपी हमलावर हो गई है. वह कांग्रेस से सवाल पूछ रही है कि क्या वह उन बातों से सहमत है जो नेशनल कॉन्फ्रेंस के मैनिफेस्टो में लिखी गई हैं.