Sam Pitroda Row: कांग्रेस पार्टी ने अपनी ओवरसीज इकाई के प्रमुख सैम पित्रोदा की एक कथित टिप्पणी से दूरी बनाते हुए सोमवार को स्पष्ट किया कि यह पार्टी का आधिकारिक विचार नहीं है.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि चीन, भारत की विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है.
श्री सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 17, 2025
चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा, और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल… pic.twitter.com/fKd6YNqm5D
सैम पित्रोदा का बयान और भाजपा की प्रतिक्रिया
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने हाल ही में एक साक्षात्कार में यह बयान दिया था कि चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है और भारत को चीन को दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए. इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि यह टिप्पणी उनकी पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं के चीन के समर्थन में दिए गए बयानों से मेल खाती है.
जयराम रमेश का स्पष्टीकरण
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस संदर्भ में 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, "सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं. चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है." उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 19 जून 2020 को चीन के प्रति दिए गए एक बयान का उल्लेख करते हुए कहा, "कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें प्रधानमंत्री द्वारा चीन की दी गई क्लीन चिट भी शामिल है."
जयराम रमेश ने जताई नाराजगी
जयराम रमेश ने यह भी कहा, "हमारा सबसे हालिया बयान चीन के संदर्भ में 28 जनवरी 2025 को जारी किया गया था." इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद को इस स्थिति पर चर्चा करने और इन चुनौतियों का प्रभावी समाधान निकालने के लिए सामूहिक संकल्प व्यक्त करने का अवसर नहीं दिया जा रहा है.
कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से खुद को स्पष्ट रूप से अलग करते हुए चीन के साथ भारत के रिश्तों को एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा बताया है. पार्टी की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि चीन के साथ संबंधों को लेकर कांग्रेस का दृष्टिकोण पूरी तरह से अलग है और इस पर संसद में चर्चा की आवश्यकता है.