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मध्य प्रदेश में 19 साल की लड़की की आत्महत्या से सांप्रदायिक तनाव, भीड़ ने वाहनों को फूंका

पुलिस के मुताबिक, लड़की अपने घर में फंदे से लटकी मिली थी. उसके भाई ने दावा किया कि उसने उस 22 साल के युवक को घर से भागते देखा, जो दूसरी जाति से है. परिवार का आरोप है कि इस युवक के उत्पीड़न के चलते ही लड़की ने आत्महत्या की.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Communal tension due to suicide of 19-year-old girl in Umaarcha village of Madhya Pradesh, mob burnt

मध्य प्रदेश के उमरचा गांव में 19 साल की लड़की की आत्महत्या से सांप्रदायिक तनाव, भीड़ ने की तोड़फोड़
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के उमरचा गांव में मंगलवार को एक 19 वर्षीय लड़की की आत्महत्या ने सांप्रदायिक हिंसा को जन्म दे दिया. इस घटना के बाद बुधवार को गांव में तनाव फैल गया, जब गुस्साए ग्रामीणों ने एक 22 साल के युवक पर उत्पीड़न का आरोप लगाया, जिसके कारण लड़की ने यह कदम उठाया. इस युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. 

पुलिस के मुताबिक, लड़की अपने घर में फंदे से लटकी मिली थी. उसके भाई ने दावा किया कि उसने उस 22 साल के युवक को घर से भागते देखा, जो दूसरी जाति से है. परिवार का आरोप है कि इस युवक के उत्पीड़न के चलते ही लड़की ने आत्महत्या की. विदिशा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रोहित काशवानी ने बताया, "परिवार के आरोपों के आधार पर हमने मंगलवार शाम को ही युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार कर लिया." 

बुधवार सुबह ग्रामीणों ने लड़की के शव को ट्रैक्टर पर रखकर सड़क जाम करने की कोशिश की. उनकी मांग थी कि सिर्फ गिरफ्तारी काफी नहीं, बल्कि आरोपी के घर को बुलडोजर से ढहाया जाए. पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर सड़क जाम रोक दिया और दोपहर करीब 2:30 बजे लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

भीड़ का उग्र प्रदर्शन

हालांकि, अंतिम संस्कार के दो घंटे बाद ही गांव के कई युवाओं ने उग्र रूप ले लिया. वे आरोपी पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने और उसके घर को तोड़ने की मांग करने लगे. इस दौरान भीड़ ने उस युवक की जाति से जुड़े 6 से 8 घरों को निशाना बनाया. इन घरों के बाहर खड़ी एक कार और एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया गया. स्थिति बेकाबू होती देख पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी.

पुलिस का हस्तक्षेप

गांव में हालात को काबू करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया. आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बुलाई गई. भोपाल ग्रामीण के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ओपी त्रिपाठी और एसपी रोहित काशवानी खुद मौके पर पहुंचे और ऑपरेशन की निगरानी की. देर शाम तक स्थिति पर काबू पा लिया गया, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है.

ग्रामीणों की मांग

गांव के एक बड़े तबके का कहना है कि आरोपी को सिर्फ आत्महत्या के लिए उकसाने की सजा काफी नहीं है. वे चाहते हैं कि उस पर हत्या का मामला दर्ज हो और उसका घर ढहाया जाए. इस मांग को लेकर युवाओं ने हिंसा का रास्ता अपनाया, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया. पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.