Heatwave Crisis: 72 घंटे में 99 लोगों ने तोड़ा दम, ओडिशा में जान निगल रही लू, कब खत्म होगा हीटवेव का कहर?
Heatwave Deaths: भीषण गर्मी के वजह से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है जिसकी वजह से देशभर से लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है. इसी बीच ओडिशा राज्य में हीट स्ट्रोक के कारण आए दिन मौत की खबर सामनेे आ रही है
Heatwave Crisis: देश में बढ़ते गर्मी का तापमान कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इसके कारण देश के कई इलाकों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया है. इस साल भीषण गर्मी के बीच तापमान कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ रहा है. ऐसे में चिलचिलाती गर्मी से परेशान सभी लोग राहत की आस लगाए बैठे हैं.
लेकिन वहीं, भीषण गर्मी के वजह से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है जिसकी वजह से देशभर से लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है. इसी बीच ओडिशा राज्य से भी हीट स्ट्रोक के कारण आए दिन मौत की खबर सामनेे आ रही है. खबर के अनुसार, 30 मई 2024 तक सनस्ट्रोक से मौत के मामले 42 सामने आए थे जिनमें 6 मामलों की पुष्टि की गई थी और 6 मामले सन स्ट्रोक के नहीं थे.
72 घंटों में 20 लोगों की मौत
एएनआई के मुताबिक, पिछले 72 घंटों के दौरान कलेक्टरों द्वारा 99 कथित सन स्ट्रोक से मौत के मामले दर्ज किए गए हैं. जिनमें में से 20 मामलों की पुष्टि कलेक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम और जांच को ध्यान में रखते हुए की गई है. स्पेशल रिलीफ कमिश्नर ने बताया कि इस साल गर्मी कलेक्टरों द्वारा 141 के सनस्ट्रोक के मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें 26 मामलों की पुष्टि की गई है और 8 मामले सन स्ट्रोक के कारण नहीं हैं. बता दें, फिलहाल 107 मामलें कलेक्टरों द्वारा जांच की जा रही हैं.
कैसे करें बचाव
ऐसे में हीट स्ट्रोक से बचाव करना बेहद जरूरी है. अगर किसी को गर्मी के मौसम में लू लगती है तो कुछ बातों पर ध्यान जरूर दें. अगर किसी व्यक्ति को धूप लगी हो तो धूप में न रखें और शरीर को हवा लगने दें. शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए एसी या कूलर का इस्तेमाल करें. इसके अलावा सिर पा आइस पैक या कपड़े को ठंडे पानी से गीला करके रखें. इसके साथ भरपूर मात्रा में पानी पिएं और फल और हरी सब्जी का सेवन करें.
गर्मी से कब मिलेगी राहत?
मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून के और ज्यादा क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. इससे देश भर को गर्मी से राहत मिलेगी. बता दें, अगले दो दिन में मानसून के अरब सागर, लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, तमिलनाडु राज्य और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के जरिए और दक्षिणी भागों में आगे बढ़ने की संभावना है.