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मुगलिया शासन पर CM योगी का तंज; कहा- ताजमहल बनाने वालों के काटे गए हाथ, राम मंदिर के श्रमिकों पर हुई फूल की बरसात

Yogi Adityanath: मुंबई में विश्व हिंदू आर्थिक मंच (डब्ल्यूएचईएफ) के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर मुगल शासन पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ताजमहल के निर्माण करनेे वाले मजदूरों के हाथ काट दिए गए थे. वहीं पीएम मोदी ने राम मंदिर बनाने वाले श्रमिकों पर फूल की बरसात कर दी.

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Shanu Sharma

Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी सरकार के तहत श्रम शक्ति के लिए 'सम्मान' की सराहना की है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगरा में राम मंदिर के निर्माण में अपना योगदान देने वाले श्रमिकों को सम्मानित करने पर सरकार की तारीफ की है. 

मुंबई में विश्व हिंदू आर्थिक मंच (डब्ल्यूएचईएफ) के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने मुस्लिम शासन पर एक बार फिर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मुगल द्वारा ताजमहल का निर्माण करने वाले श्रमिकों के हाथ काट दिए गए थे. लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के निर्माण करने वाले श्रमिकों को काफी सम्मान दिया है. 

परंपरा और विरासत को खत्म करने की कोशिश

सीएम योगी ने कहा कि ताज महल बनाने वालों को जहां हाथ काटने की सजा मिली, वहीं मंदिर के निर्माण करने पर हमारे देश के प्रधानमंत्री उन पर फूल बरसा रहे थे. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इतिहास में बढ़िया कपड़ा उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों के भी हाथ काट दिए गए थे. जिससे एक पूरी परंपरा और विरासत नष्ट हो गई. लेकिन आज पूरा भारत अपने श्रमबल का सम्मान करता है, उन्हें हर तरह की सुरक्षा देता है. हमारे देश में ऐसे शासक भी थे, जिन्होंने मजदूरों के हाथ काट दिए और बढ़िया कपड़े की विरासत को नष्ट कर दिया. यहां की परंपरा को पूरी तरह नष्ट कर दिया. लेकिन अब देश के प्रधानमंत्री का हर किसी पर नजर है. श्रमिकों को उनकी मेहनत के लिए सम्मानित किया जा रहा है. उन्हें उनके काम के लिए सराहा जा रहा है.

अर्थव्यवस्था में भारत के ऐतिहासिक योगदान

मुंबई के बीकेसी स्थित जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में 13 दिसंबर से 'विश्व हिंदू आर्थिक मंच' की शुरुआत की गई थी. मुंबई में चल रहा ये दो दिवसीय आयोजन आज खत्म हो जाएगा. इस  मौके पर पहली से पंद्रहवीं शताब्दी के बीच विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत के ऐतिहासिक योगदान की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पहली शताब्दी से लेकर 15वीं शताब्दी तक यूरोप से जुड़े विद्वान भी स्वीकार करते हैं कि उस समय विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक थी और 15वीं शताब्दी तक यही स्थिति रही.