'तो अभी वापस लाए...', POK को वापस लाने वाले विदेश मंत्री के बयान पर उमर अब्दुल्ला ने तंज कसते हुए किया चैलेंज
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने की हालिया टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने की हालिया टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने इस क्षेत्र को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार की मंशा और क्षमता पर सवाल उठाए. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों पर चीन के नियंत्रण की ओर भी इशारा किया.
'अगर तुम ला सको तो इसे वापस ले आओ'
विधानसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, "विदेश मंत्री ने कहा है कि वे पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित कश्मीर के हिस्से को वापस लाएंगे. क्या हमने उन्हें कभी रोका? अगर वे इसे वापस ला सकते हैं, तो उन्हें अभी ऐसा करना चाहिए."
'चीन पर कोई बात क्यों नहीं?'
केंद्र को चुनौती देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने सवाल किया कि, 'सरकार केवल पीओके पर ही ध्यान क्यों केंद्रित करती है, जबकि जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों पर चीनी नियंत्रण को नजरअंदाज करती है?' उन्होंने पूछा, 'एक हिस्सा पाकिस्तान के पास है, लेकिन दूसरा हिस्सा चीन के पास है, कोई इसके बारे में बात क्यों नहीं करता?'
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं अपेक्षित
CM अब्दुल्ला की टिप्पणी से पीओके पर सरकार के रुख और लद्दाख में चीन नियंत्रित क्षेत्रों पर उसकी चुप्पी को लेकर नई राजनीतिक बहस छिड़ने की उम्मीद है. केंद्र ने अभी तक अब्दुल्ला की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इस बयान से जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दावों के मुद्दे पर राजनीतिक बहस को और बढ़ावा मिलने की संभावना है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने व्यावसायिक नियमों को अंतिम रूप दिया. मंजूरी के लिए एलजी को प्रस्ताव भेजा.
जब तक हमें राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता, तब तक स्पष्ट व्यावसायिक नियम स्थापित करना आवश्यक
उमर अब्दुल्ला ने घोषणा की कि विधानसभा के लिए कार्य नियम तैयार कर लिए गए हैं और उन्हें अनुमोदन के लिए उपराज्यपाल (एलजी) के पास भेज दिया गया है, जिसका उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश में शासन को सुव्यवस्थित करना है. अब्दुल्ला ने विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा, "जब तक हमें राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता, तब तक स्पष्ट व्यावसायिक नियम स्थापित करना आवश्यक है. इसमें कुछ समय लगा, लेकिन कल रात 8 बजे हमने कैबिनेट की बैठक बुलाई और उन्हें अंतिम रूप दिया। नियमों को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी."