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India Daily

मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर दक्षिण दिनाजपुर में भाजपा और पुलिस के बीच झड़प, सुकांत मजूमदार ने ममता सरकार पर साधा निशाना

पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर में शनिवार को भाजपा नेताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई. यह प्रदर्शन मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई हिंसा के विरोध में आयोजित किया गया था.

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Edited By: Garima Singh
Murshidabad violence
Courtesy: X

Murshidabad violence: पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर में शनिवार को उस समय तनाव फैल गया, जब केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन पुलिस के साथ हिंसक झड़प में बदल गया. यह प्रदर्शन मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई हिंसा के विरोध में आयोजित किया गया था. 

पुलिस के मुताबिक, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बालुरघाट में खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) कार्यालय पर धावा बोलने की कोशिश की, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए "हल्का बल" प्रयोग किया गया. पुलिस का दावा है कि अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं. हालांकि, सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना कारण भाजपा समर्थकों पर लाठीचार्ज किया, जिससे झड़प शुरू हुई. 

राज्य पुलिस दंगाइयों को नहीं रोक सकती: मजूमदार

मजूमदार ने कहा, "राज्य पुलिस दंगाइयों को नहीं रोक सकती. वह कहती है कि जब बदमाशों और गुंडों की भीड़ का सामना करना पड़ता है तो वह संख्या में कम पड़ जाती है. लेकिन वह गुंडों और दंगाइयों के अत्याचारों के खिलाफ भाजपा के लोकतांत्रिक विरोध को कुचल देती है.''

मुर्शिदाबाद हिंसा और भाजपा का विरोध

भाजपा का यह प्रदर्शन मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के खिलाफ कथित हिंसा और प्रशासन की निष्क्रियता के विरोध में था. मजूमदार ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, "तौहा सिद्दीकी द्वारा दिया गया भड़काऊ बयान बेहद शर्मनाक है. यह मानसिकता इसलिए है क्योंकि उन्हें ममता बनर्जी की सरकार का संरक्षण प्राप्त है.पीड़ितों के मुताबिक, दंगों का आह्वान मस्जिद के लाउडस्पीकर से किया गया था.'

टीएमसी का पलटवार

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भाजपा पर ध्रुवीकरण और अशांति फैलाने का आरोप लगाया है. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, "राज्य सरकार लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, वहीं भाजपा चुनावी लाभ के लिए स्थिति को बढ़ाने की कोशिश कर रही है. वे नहीं चाहते कि बंगाल में शांति रहे, वे नहीं चाहते कि विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द और शांति बनी रहे.'