कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और हत्या केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खुद संज्ञान में लिया है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश की है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़,जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.अदालत ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से अपील की है कि वे काम लौट जाएं.
आगे सीजेआई ने बोले, 'अस्पतालों की स्थिति जानता हूं. मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं. जब मेरे परिवार का सदस्य बीमार था. हमें बहुत सारे ईमेल मिले हैं, जिसमें डॉक्टरों ने कहा कि उन पर बहुत ज्यादा दबाव है. 48 या 36 घंटे की ड्यूटी अच्छी नहीं है. हम इसे आज अपने आदेश में जोड़ देंगे.'
CJI DY Chandrachud shares one of his story and said that he had once slept on the floor of a public hospital when one of his relatives was not well and was admitted to the hospital
— ANI (@ANI) August 22, 2024
सीजेआई ने कहा, 'डॉक्टरों को अपनी ड्यूटी पर वापस लौटना चाहिए और अधिकारियों से आग्रह भी किया है कि वे खुद से कोई भी कठोर कार्रवाई न करें. सीजेआई ने एक नेशनल टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की है जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़े सभी पक्षों से बात करेगी, जिसमें रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हैं'.
#UPDATE | CJI Chandrachud asks about the medical report of the injury of the accused
— ANI (@ANI) August 22, 2024
Senior Advocate Kapil Sibal informs Supreme Court that this is part of the case dairy
Solicitor General Tushar Mehta apprises SC that CBI entered the investigation on the 5th day, everything… https://t.co/pMv8x4pqxM
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि टास्क फोर्स सभी हितधारकों की बात को सुनेगा, जिसमें इंटर्न, रेजिडेंट, सीनियर रेजिडेंट, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं.CJI ने कहा, 'समिति यह सुनिश्चित करेगी कि सभी प्रतिनिधियों को सुना जाए.'
बता दें कि कोलकाता आरजी कर मेडिकल कालेज में सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट में सवाल उठाए जाने के बाद कल यानी 21 अगस्त को बंगाल सरकार हरकत में आई. अस्पताल में तोड़फोड़ मामले में बंगाल सरकार ने 2 असिस्टेंट कमिश्नर और 2 इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है.