असम के कार्बी आंगलोंग जिले में एक ईसाई समूह ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. समूह का कहना है कि पुलिसकर्मी चर्च में जबरन घुस रहे थे और लोगों से जानकारियां हासिल कर रहे थे. समूह का कहना है कि पुलिस की इस हरकत की वजह से लोग डरे हुए हैं और कुछ बोलने से बच रहे हैं. वहीं इसकी सफाई में असम पुलिस का कहना है कि फरवरी में ईसाई समूहों को सिलसिरेवार धमकियां मिली थीं, जिसके चलते पुलिस पूछताछ कर रही है. पुलिस सिर्फ समुदाय को सुरक्षा देने की कोशिश कर रही है.
कार्बी अंगलोंग में यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम ऑफ दीफू ने जिला आयुक्त को चिट्ठी लिखी है. क्रिश्चियन फोरम का कहना है कि पुलिस ने बीते सप्ताह चर्च और चर्चे के अनुयायियों से पूछताछ की, उनके विवरण जुटाए. ऐसा कभी नहीं हुआ था. इसका क्या कारण है, क्यों एक समुदाय विशेष को निशाने पर लिया जा रहा है.
क्रिश्चियन फोरम का कहना है कि पुलिसकर्मी दीफू शहर के चर्च परिसरों में घुस रहे हैं, तस्वीरें ले रहे हैं, बिना किसी वॉरंट के ही सवाल पूछ रहे हैं. चर्च से जुड़े लोग इससे बेहद नाराज हैं. लोगों में भय और दहशत का माहौल फैल रहा है. जनता इस फैसले पर नाराज है.
पुलिस पर बेवजह भय पैदा करने के भी आरोप लगे हैं. क्रिश्चियन फ्रंट की मांग है पुलिस तत्काल इसे रोके और लोगों को परेशान न करे. मंगलवार को कार्बी आंगलोंग के अधीक्षक ने कहा है कि संस्थानों की सुरक्षा तय करने के लिए असम पुलिस एक लिस्ट तैयार कर रही है. एसपी ने कहा फरवरी में असम कैथोलिक एजुकेशनल ट्रस्ट की ओर से हमले की आशंका जताई गई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक असम में एक कट्टरपंथी हिंदू समूह ने राज्य भर के मिशनरी स्कूलों को अपने परिसरों से धार्मिक प्रतिमाओं को हटाने के लिए सार्वजनिक धमकी जारी की थी. पुलिस ने इसी को लेकर कदम उठाया है.