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प्रिसिंपल-शिक्षिका के एक नहीं कई अश्लील वीडियो हो रहे हैं वायरल, शिक्षा के मंदिर को बना डाला था oyo होटल का रूम

इस घटना ने स्कूलों में नैतिकता और अनुशासन के महत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई हो ताकि शिक्षा के मंदिर का पवित्र स्वरूप कायम रहे.

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Edited By: Mayank Tiwari
अश्लील वीडियो वायरल होने से मचा हड़कंप
Courtesy: Social Media

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार ब्लॉक स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सालेरा में एक गंभीर घटना सामने आई है. यहां के स्कूल के प्रिंसिपल और एक महिला शिक्षक के अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं. यह वीडियो स्कूल के अन्य शिक्षकों द्वारा लगाए गए गुप्त सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हुआ था. वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से दोनों को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही मामले की गंभीरता से जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल के अन्य टीचरों ने शक के आधार पर प्रिंसिपल के कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे. इन कैमरों के जरिए प्रिंसिपल और महिला शिक्षक की आपत्तिजनक स्थिति के कई वीडियो सामने आए हैं. दावा किया जा रहा है कि इन वीडियो की संख्या दर्जनों में है. यह वीडियो कई दिनों के हैं, जो इन दोनों के आपत्तिजनक व्यवहार को दर्शाते हैं.

अश्लील वीडियो कई, कपड़े बदले लेकिन हरकतें वहीं

स्कूल के ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरे के कई वीडियो वायरल हुए हैं. इन वीडियो में दोनों आरोपी शिक्षक और शिक्षिका अलग-अलग कपड़ों में नजर आए लेकिन हरकतें वही नजर आईं. कभी किस कोने में कभी किस कोने में करतूत करते दिखे. कई बार अन्य महिला शिक्षक के आने से दोनों रुकते, झीझकते भी नजर आए लेकिन अन्य शिक्षिका के जाने के बाद फिर से उन्हीं करतूतों में एकसाथ दिखे.

शिक्षा विभाग ने की तत्काल कार्रवाई

वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. जिला शिक्षा अधिकारी, राजेंद्र कुमार शर्मा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रिंसिपल अरविंद व्यास और महिला शिक्षक को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने इस घटना की जांच के लिए एक समिति भी गठित की है.

ग्रामीणों का आक्रोश और बर्खास्तगी की मांग

इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है. जहां शनिवार (18 जनवरी) को बड़ी संख्या में ग्रामीण थाना प्रभारी और उपखंड अधिकारी से मिलने पहुंचे और दोषियों को बर्खास्त करने की मांग की. उधर, ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं बच्चों के भविष्य और शिक्षा के माहौल पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं.

निलंबन अवधि और मुख्यालय का फैसला

शिक्षा विभाग ने निलंबन अवधि के दौरान प्रिंसिपल अरविंद व्यास का मुख्यालय राशमी और महिला शिक्षक का मुख्यालय बेगूं निर्धारित किया है. इस दौरान वे किसी भी शैक्षिक काम से जुड़ी जिम्मेदारी नहीं निभा सकेंगे.