रंग लाई भारत की 'कूटनीति'! गलवान समेत चार इलाकों से पीछे हटी चीनी सेना
पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर गलवान घाटी समेत 4 इलाकों से चीनी सेनाएं हटीं हैं. चीन के विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है. चीनी विदेश मंत्रालय का यह बयान NSA अजीत डोभाल की चीनी विदेश मंत्री वांग यी से रूस में मुलाकात के बाद आया है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में गलवान समेत चार जगहों से सैनिकों के पीछे हटने की बात कही है. पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर गलवान घाटी समेत 4 इलाकों से चीनी सेनाएं हटीं हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग के मुताबिक बॉर्डर पर फिलहाल हालात स्थिर और कंट्रोल में है. चीनी विदेश मंत्रालय का यह बयान NSA अजीत डोभाल की चीनी विदेश मंत्री वांग यी से रूस में मुलाकात के बाद आया है. इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के 75 फीसदी मामले सुलझा लिए गए हैं.
हालांकि न्यूज एजेंसी ANI के एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक का मसला अभी भी अनसुलझा है. पिछले 3 साल में दोनों पक्षों के बीच इन पॉइंट्स को लेकर कोई भी बदलाव नहीं हुआ है.
दोनों देश के रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित
दरअसल स्विट्जरलैंड के शहर जिनेवा में एक समिट के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि 2020 में चीन और भारत के बीच गलवान में हुई झड़प ने दोनों देश के रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित किया है. सीमा पर हिंसा होने के बाद कोई यह नहीं कह सकता है कि बाकी रिश्ते इससे प्रभावित नहीं होंगे.
सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर जोर
सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं का एक दूसरे के करीब होना एक बड़ा मुद्दा है. अगर सीमा का विवाद का समाधान हो जाता है तो भारत चीन संबंधों में सुधार संभव है. वहीं 12 सितंबर को रूस में BRICS देशों के NSA की मीटिंग के दौरान अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी मुलाकात की थी. इस दौरान अजीत डोभाल ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने के लिए सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया था. उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करने के लिए भी कहा गया.
मई 2020 से टकराव जारी
इस बैठक में दोनों देशों ने जल्द से जल्द बाकी इलाकों से भी सेना की वापसी में तेजी लाने पर सहमति जताई है. NSA डोभाल ने जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों को द्विपक्षीय समझौते, प्रोटोकॉल और आपसी सहमतियों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए. बता दें कि भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच मई 2020 से टकराव चल रहा है. दोनों सेनाओं के बीच सीमा विवाद का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. हालांकि दोनों देशों की सेनाएं LAC के कई पॉइंट्स से अलग हो गई है.