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चीन-पाकिस्तान नजर रखेगा 'हंटर-किलर', अमेरिका से 31 एडवांस ड्रोन लेगा भारत

भारत 78वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा है, वहीं राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं (एनएएल) ने खुलासा किया है कि वह शक्तिशाली स्वदेशी कामिकेज़ ड्रोन बना रहा है, जो स्वदेश में निर्मित इंजन वाले मानव रहित हवाई वाहन हैं, जो 1,000 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम हैं.

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Edited By: India Daily Live
MQ-9B drones
Courtesy: Social Media

भारत अपनी रक्षा ताकत तेजी से बढ़ा रहा है. चीन-और पाकिस्ता दो पड़ोसी देश पर नजर रखने के लिए भारत ने अमेरिका से 31 हथियारबंद MQ-9B ड्रोन खरीदने के लिए बातचीत तेज कर दी है. ये डील साल के अंत तक हो जाएगा. यह कदम चीन और पाकिस्तान द्वारा अपनी सशस्त्र ड्रोन क्षमताओं को बढ़ाने के बीच उठाया गया है. 

ये ड्रोन भारत की सेना के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं. भारत और अमेरिका में डील की लागत पर बातचीत जारी है और इसे जल्द ही अंतिम रूप देने का प्रयास किया जा रहा है. चीन और पाकिस्तान दोनों ही अपने सशस्त्र ड्रोन के बेड़े को मजबूत कर रहे हैं, ऐसे में भारत अमेरिका से 31 हथियारबंद MQ-9B 'हंटर-किलर' रिमोट से संचालित विमान खरीदने के लिए बातचीत को तेजी से आगे बढ़ा रहा है, जिसका उद्देश्य इस साल नवंबर-दिसंबर तक इस मेगा डील को पूरा करना है. 

पाकिस्तान-चीन पर होगी नजर

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 31 सशस्त्र उच्च-ऊंचाई, लंबे समय तक टिकने वाले ड्रोन के डील के बातचीत जारी है. नौसेना के लिए 15 सी गार्डियन और सेना और IAF के लिए आठ-आठ स्काई गार्डियन निर्धारित किए गए हैं. भारत यह डील ऐसे समय में कर रहा जब चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सैन्य टकराव जारी है. उधर पाकिस्तान को अपने सशस्त्र कै होंग-4 और विंग लूंग-II ड्रोन की आपूर्ति बढ़ा दी है. एक सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान ने चीन से 16 और सशस्त्र सीएच-4 ड्रोन मांगे हैं. उसके पास पहले से ही सेना में सात और नौसेना में तीन सीएच-4 ड्रोन हैं.

40 घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता

एमक्यू-9बी रीपर या प्रीडेटर-बी ड्रोन, निगरानी के लिए 40,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर लगभग 40 घंटे तक उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और सटीक हमलों के लिए हेलफायर एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलों और स्मार्ट बमों से लैस हैं, चीनी सशस्त्र ड्रोन से कहीं बेहतर माने जाते हैं. अमेरिका ने 31 हथियारबंद MQ-9B ड्रोन और संबंधित उपकरणों के लिए $ 3.9 बिलियन (33,500 करोड़ रुपये से अधिक) का मूल्य लगाया है, जिसमें 170 हेलफायर मिसाइलें, 310 GBU-39B सटीक-निर्देशित ग्लाइड बम, नेविगेशन सिस्टम, सेंसर सूट और मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं, भारतीय वार्ता टीम लागत को कम करने के लिए काम कर रही है.