Chief of Army Staff General Upendra Dwivedi: भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में सुदर्शन चक्र कोर के परिचालन तैयारियों की व्यापक समीक्षा की. इस समीक्षा के दौरान, उन्होंने सेना की उच्चतम युद्ध तत्परता, नवाचार और व्यावसायिक उत्कृष्टता के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को फिर से मजबूत किया. जनरल द्विवेदी ने सैनिकों से संवाद किया और उनके ऑपरेशनल दक्षता, अनुकूलन प्रशिक्षण, और युद्धक्षेत्र में नवाचार के प्रति समर्पण की सराहना की.
सुदर्शन चक्र कोर की परिचालन तत्परता
जनरल उपेंद्र द्विवेदी का सुदर्शन चक्र कोर का दौरा भारतीय सेना की ताकत और तत्परता को प्रदर्शित करता है. उन्होंने इस अवसर पर सेना की वर्तमान सैन्य गतिविधियों और नवीनतम प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर चर्चा की. जनरल द्विवेदी को बताया गया कि सुदर्शन चक्र कोर अपनी परिचालन तैयारियों को लगातार और प्रभावी ढंग से बढ़ा रहा है, जिससे सेना के समग्र कार्यक्षमता में सुधार हो रहा है.
उन्होंने सैनिकों को उनके कठिन परिश्रम और मिशन के प्रति निष्ठा के लिए प्रोत्साहित किया. इसके साथ ही, उनके नवाचारों और प्रशिक्षण की रणनीतियों की सराहना की, जो भारतीय सेना को युद्धक्षेत्र में एक कदम आगे बनाए रखती हैं.
दिग्गजों को किया सम्मान
सुदर्शन चक्र कोर की समीक्षा के दौरान, जनरल द्विवेदी ने पांच प्रमुख पूर्व सैनिकों को "वेटरन अचीवर अवार्ड" से सम्मानित किया. यह पुरस्कार उन पूर्व सैनिकों की निरंतर सेवा और समाज निर्माण में उनके योगदान को मान्यता देने के रूप में दिया गया. सम्मानित दिग्गजों में शामिल हैं:
ब्रिगेडियर रामनारायण विनायक (रिटायर्ड): उन्होंने सेवानिवृत्त सैनिकों की भलाई के लिए अनेक कार्य किए हैं. उन्होंने एक सुरक्षा एजेंसी की स्थापना की, जिसमें 300 से अधिक पूर्व सैनिकों को रोजगार मिला. इसके अलावा, उन्होंने वीर नारियों के लिए स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित किया और परिवार पेंशन में सुधार के लिए काम किया.
कर्नल वैभव प्रकाश त्रिपाठी (रिटायर्ड): मध्य प्रदेश के पूर्व सैनिक लीग के उपाध्यक्ष, कर्नल त्रिपाठी ने आदिवासी युवाओं को सैन्य बलों में भर्ती के लिए प्रशिक्षण और शिक्षा देने के लिए एक संस्थान स्थापित किया.
कर्नल के पी सिंह (रिटायर्ड): कर्नल सिंह ने पूर्व सैनिकों और विधवाओं के लिए कानूनी समर्थन प्रदान किया और जीवन प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कार्य किया. इसके साथ ही, उन्होंने कई स्थानीय चैरिटी संस्थाओं का समर्थन किया.
नाइक अनिल कुमार वर्मा (रिटायर्ड): नाइक वर्मा ने अपने पैतृक घर को एक बालिका छात्रावास में परिवर्तित किया और आदिवासी बच्चों के लिए एक स्कूल की स्थापना की, जो शानदार बोर्ड परिणाम दे रहा है.
लांस दफेदार प्रदीप कालस्कर (रिटायर्ड): प्रदीप कालस्कर ने पूर्व सैनिकों की पेंशन और वित्तीय समस्याओं को हल करने में सक्रिय भूमिका निभाई. उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना पांच लोगों को आग से बचाया और 'वृक्ष मित्र' के रूप में सम्मानित हुए, क्योंकि उन्होंने 1,000 से अधिक पौधे लगाए.
सैनिकों की प्रेरणा और भारतीय सेना का सम्मान
इन पुरस्कारों ने भारतीय सेना के उन दिग्गजों के प्रति सम्मान को और बढ़ाया, जो समाज में अपनी मेहनत और समर्पण से एक प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं. जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपने दौरे का समापन "योधास्थल" पर किया, जहाँ उन्होंने भारतीय सेना की वीरता और इतिहास को साझा किया. योधास्थल को एक इमर्सिव और शैक्षिक अनुभव के रूप में डिजाइन किया गया है, जो आम जनता को भारतीय सेना के अदम्य साहस और बलिदान से परिचित कराता है.
इस दौरे के दौरान जनरल द्विवेदी ने यह भी बताया कि भारतीय सेना के वीर योद्धा न केवल युद्धक्षेत्र में, बल्कि समाज में भी अपनी छाप छोड़ते हैं. यह उनका प्रेरणादायक कार्य समाज की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान देता है.