दिल्ली की सड़कों पर निकलीं मुख्यमंत्री आतिशी, 'गड्ढा मुक्त' दिवाली का दिया आश्वासन

दिल्ली के मुख्यमंत्री के अनुसार, पीडब्ल्यूडी की 1,400 किलोमीटर लंबी सड़कों के निरीक्षण के एक सप्ताह बाद यह तय किया जाएगा कि किन सड़कों को पूर्ण मरम्मत, आंशिक मरम्मत की आवश्यकता है और किन सड़कों को फिर से बनाने की आवश्यकता है. निरीक्षण के एक सप्ताह बाद मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा.

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दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों की स्थिति का निरीक्षण करने के बाद लोगों को 'गड्ढा मुक्त दिवाली' मनाने का आश्वासन दिया. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एनएसआईसी ओखला, मोदी मिल फ्लाईओवर, चिराग दिल्ली, तुगलकाबाद एक्सटेंशन, मथुरा रोड और आश्रम चौक की सड़कों का निरीक्षण किया और दिवाली से पहले सभी क्षतिग्रस्त लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) सड़कों की मरम्मत के लिए आवश्यक निर्देश दिए.

निरीक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए आतिशी ने कहा कि दो दिनों तक अरविंद केजरीवाल और मैंने दिल्ली की सड़कों का निरीक्षण किया और पाया कि सड़कों की हालत बहुत खराब है. अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के सभी विधायकों और मंत्रियों से आह्वान किया है कि वे जल्द से जल्द दिल्ली की सड़कों को बहाल करने की दिशा में काम करें.

सभी नेताओं को मिली जिम्मेदारी

उन्होंने कहा कि मैंने दक्षिण और दक्षिण-पूर्व दिल्ली की सड़कों की जिम्मेदारी ली है. सौरभ भारद्वाज पूर्वी दिल्ली की सड़कों के निरीक्षण के लिए जिम्मेदार हैं, गोपाल राय उत्तर-पूर्व दिल्ली की सड़कों का निरीक्षण करेंगे, इमरान हुसैन मध्य और नई दिल्ली जिलों की सड़कों का निरीक्षण करेंगे, कैलाश गहलोत दक्षिण-पश्चिम और बाहरी दिल्ली के लिए जिम्मेदार होंगे और मुकेश सहरावत उत्तर-पश्चिम दिल्ली के लिए जिम्मेदार होंगे. हम दिवाली तक दिल्ली के लोगों को गड्ढा मुक्त सड़कें देने की कोशिश करेंगे.

दिल्ली सरकार की सड़क मूल्यांकन और मरम्मत योजना के अनुसार, पीडब्ल्यूडी की 1,400 किलोमीटर लंबी सड़कों के निरीक्षण के एक सप्ताह बाद यह तय किया जाएगा कि किन सड़कों को पूर्ण मरम्मत और किस सड़क को आंशिक मरम्मत की आवश्यकता है. निरीक्षण के एक सप्ताह बाद मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा.

शहर की कई सड़कें क्षतिग्रस्त

पिछले सप्ताह की शुरुआत में विधानसभा सत्र के दौरान अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री को एक पत्र सौंपा था, जिसमें उनसे शहर की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करने का अनुरोध किया गया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों और दिल्ली जल बोर्ड द्वारा किए गए कार्यों के कारण शहर में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थीं, जिसके बाद मरम्मत का काम नहीं किया गया.