आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर तीखा हमला किया है. केजरीवाल का आरोप है कि राजीव कुमार राजनीति कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें रिटायरमेंट के बाद नौकरी की जरूरत है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाया था, जिसके बाद बीजेपी ने चुनाव आयोग से इस मामले में शिकायत की थी.
अरविंद केजरीवाल का आरोप
चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस
इसके बाद बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत की और इस पर चुनाव आयोग ने केजरीवाल से सबूत मांगे. चुनाव आयोग ने केजरीवाल से कहा कि वह अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए 8 बजे तक संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करें. जब केजरीवाल ने 14 पन्नों का जवाब दिया, तो आयोग ने उसे असंतोषजनक बताते हुए दोबारा स्पष्टीकरण देने के लिए कहा. आयोग ने यह भी कहा कि केजरीवाल को यह स्पष्ट करना होगा कि यमुना में किस प्रकार का और कितना जहर मिलाया गया था.
राजीव कुमार पर निशाना
अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग के इस कदम पर राजीव कुमार पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग राजनीति कर रहा है क्योंकि राजीव कुमार को पोस्ट-रिटायरमेंट नौकरी चाहिए." केजरीवाल ने यहां तक कहा कि चुनाव आयोग की कार्रवाई से ऐसा लगता है कि आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तत्पर है, और वह अगले दो दिनों में उन्हें जेल में डालने की तैयारी कर रहे हैं.
बीजेपी और कांग्रेस का विरोध
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इस मामले को गंभीर बताते हुए चुनाव आयोग से प्रतिक्रिया मांगी. बीजेपी के नेताओं ने केजरीवाल के आरोपों को झूठा और आधारहीन बताया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा, "केजरीवाल झूठ बोलकर चुनावी लाभ प्राप्त करना चाहते हैं." वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर केजरीवाल की आलोचना करते हुए उन्हें झूठा करार दिया.
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने अपनी चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल से कहा कि वह यमुना में अमोनिया के बढ़े हुए स्तर के मामले को उनके जहर मिलाने वाले आरोपों के साथ न जोड़ें. आयोग ने केजरीवाल से यह भी पूछा कि किस प्रक्रिया से दिल्ली जल बोर्ड ने पानी का परीक्षण किया और क्या सबूत हैं कि पानी में जहर मिलाया गया था.
केजरीवाल का जवाब
अरविंद केजरीवाल ने इस विवाद पर एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में जवाब देते हुए चुनाव आयोग के खिलाफ तीखी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जो भाषा इस्तेमाल की है, वह उचित नहीं है और इसका उद्देश्य केवल उन्हें बदनाम करना है. केजरीवाल ने यह भी कहा कि अगर चुनाव आयोग को यमुना के पानी के परीक्षण के बारे में कोई जानकारी चाहिए, तो वह खुद तीन बोतल पानी भेजकर आयोग से उसे पीने की चुनौती देते हैं.
हरियाणा सरकार का बचाव
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस विवाद को लेकर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह यमुना का पानी पीते हुए दिख रहे थे. आम आदमी पार्टी ने इसे एक असफल पीआर स्टंट बताया और कहा कि अगर नायब सैनी खुद इस ज़हरीले पानी को नहीं पी सकते, तो दिल्लीवालों को क्यों पिलाया जा रहा है.
भविष्य की दिशा
यह विवाद अब चुनाव आयोग से लेकर हरियाणा सरकार और दिल्ली सरकार तक फैल चुका है. चुनाव आयोग के नोटिस के बाद मामला राजनीतिक गरमाहट में बदल गया है और अब इसे दिल्ली विधानसभा चुनावों से जोड़ा जा रहा है. यह विवाद अब देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग, केजरीवाल और हरियाणा सरकार के बीच कैसे मोड़ लेता है और इसके परिणाम दिल्ली की राजनीति को कैसे प्रभावित करते हैं.