मैं पद्मश्री लौटा दूंगा...', नक्सलियों से धमकी पर आहत होने वाले वैद्यराज हेमचंद मांझी कौन हैं?

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पद्मश्री वैद्यराज हेमचंद मांझी को नक्सलियों की ओर से जान से मारने की धमकी मिली है. मामले की जानकारी के बाद पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है.

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के वैद्यराज पद्मश्री हेमचंद मांझी ने पुरस्कार लौटाने की बात कही है. दरअसल, नक्सलियों की ओर से उन्हें जान स नक्सलियों की जान से मारने की धमकी मिली है. इसी से आहत वैद्यराज ने पद्मश्री लौटाने का ऐलान किया. इससे पहले नक्सली वैद्यराज के भतीजी कोमल मांझी की हत्या कर चुके हैं. 

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, वैद्यराज हेमचंद मांझी को नक्सलियों से जान से मारने की धमकी मिली, जिसके बाद पद्मश्री वैद्यराज हेमचंद मांझी ने कहा कि उन्हें (नक्सलियों) लगता है कि मैंने रिश्वत ली है. लेकिन, मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंने कोई रिश्वत नहीं ली है. वे कहते हैं कि मैं लोगों को लड़वाता हूं. धमकी के बाद प्रशासन ने मुझे सुरक्षा मुहैया कराई है, लेकिन मैं पद्मश्री लौटाना चाहता हूं क्योंकि सरकार इस मुद्दे पर मेरी मदद नहीं कर रही है.

26 मई की देर रात पर्चा फेंककर दी जान से मारने की धमकी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नक्सलियों ने 26 मई की आधी रात को पर्चा फेंककर वैद्यराज को जान से मारने की धमकी दी थी. इसकी जानकारी के बाद सरकार ने वैद्यराज को वाई कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराई है. उधर, धमकी के बाद हेमचंद मांझी ने पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की बात कही. उन्होंने ये भी कहा कि पुरस्कार लौटाने के साथ-साथ मैं लोगों का इलाज भी बंद कर दूंगा. 

पिछले साल यानी 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में नक्सलियों ने वैद्यराज पर हमले की कोशिश की थी, लेकिन वे बच गए थे. इस दौरान उनके भतीजी कोमल मांझी की हत्या कर दी गई थी. वारदात के बाद जिला प्रशासन ने वैद्यराज को दूसरी जगह शिफ्ट किया था. नक्सलियों ने पद्मश्री से सम्मानित हेमचंद मांझी को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया है. 

जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने मांझी के घर के बाहर जो पर्चा फेंका था, उसमें वैद्यराज को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्मश्री पुरस्कार लेते हुए दिखाया गया था. पर्चे में नक्सलियों का आरोप था कि वैद्यराज आमदई खनन प्रोजेक्ट पर सरकार का साथ दे रहे हैं. इसके लिए उन्होंने सरकार से रिश्वत ली है. हालांकि, आरोपों से इनकार करते हुए वैद्यराज ने कहा कि उन्होंने किसी तरह की कोई रिश्वत नहीं ली है और खनन प्रोजेक्ट से उनका कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि मैंने परिवार के सदस्यों से सलाह लेने के बाद पुरस्कार लौटाने का फैसला किया है. हालांकि, सरकार से सुरक्षा के आश्वासन के बाद वैद्यराज ने पुरस्कार लौटाने से इनकार कर दिया.

कौन हैं वैद्यराज हेमचंद मांझी?

वैद्यराज हेमचंद मांझी पिछले करीब 50 साल से बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में जड़ी-बूटियों से जरूरतमंदों का इलाज करते हैं. इसके लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. नारायणपुर के छोटे डोंगर के रहने वाले हेमचंद मांझी बिना किसी फीस के लोगों का सेवाभाव से इलाज करते हैं. कहा जाता है कि उनके पास छत्तीसगढ़ के अलावा देश समेत विदेश से जरूरतमंद इलाज के लिए आते हैं.