Pangong Lake: लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में स्थित पैंगोंग झील, जो समुद्र तल से 14,300 फीट की ऊंचाई पर है, अब मराठा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के लिए जानी जाएगी. लद्दाख में पैंगोंग झील के पास छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा लगाई गई है. साथ ही मराठा साम्राज्य का ध्वज भी लहराया गया है, जो हिमालय की वादियों में उनकी मौजूदगी का एहसास दिलाएगा. सेना के मुताबिक, शिवाजी की यह प्रतिमा वीरता, दूरदर्शिता और न्याय का प्रतीक है.
भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने बयान जारी कर कहा, '26 दिसंबर 2024 को पैंगोंग लेक के तट पर 14,300 फीट की ऊंचाई पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया गया. वीरता, दूरदर्शिता और अटूट न्याय के प्रतीक का उद्घाटन फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला (SC, SM, VSM) और कर्नल ऑफ द मराठा लाइट इन्फैंट्री फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स द्वारा किया गया.'
VIDEO | The Indian Army (@adgpi) has installed a statue of Maratha warrior Chhatrapati Shivaji Maharaj on the bank of Pangong lake at an altitude of 14,300 feet, a region that is close to the Line of Actual Control (LAC) with China in the eastern Ladakh sector. The statue was… pic.twitter.com/Z9To5dmKXD
— Press Trust of India (@PTI_News) December 28, 2024
पैंगोंग झील के किनारे छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का अनावरण
बता दें, पैंगोंग लेक जिसके पानी से वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी (LAC) होकर गुजरती है। झील का पश्चिमी भाग भारत के क्षेत्र में है और पूर्वी भाग चीन के नियंत्रण वाले तिब्बत में स्थित है। यह वह क्षेत्र है जहां 1962 के भारत-चीन युद्ध से लेकर कई बार संघर्ष देखा गया है। अगस्त 2017 में इसी झील के किनारे पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। यहां मई 2020 में भी 250 सैनिक आमने-सामने आ गए थे।
ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक
मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज को भारत के महानतम योद्धाओं में गिना जाता है। उनके जीवन और संघर्ष से प्रेरणा लेने के उद्देश्य से पैंगोंग झील के किनारे उनकी प्रतिमा का निर्माण किया गया है। यह स्थान भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक रणनीतिक क्षेत्र है, जहां शिवाजी की प्रतिमा वीरता और प्रेरणा का प्रतीक मानी जाएगी।