Chandrayaan 5: इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा कि केंद्र ने चंद्रमा की रिसर्च करने के लिए चंद्रयान-5 मिशन को अपनी मंजूरी दे दी है. बेंगलुरु स्थित इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन से अलग, जिसमें 25 किलोग्राम का रोवर प्रयागयान ले जाया गया था, चंद्रयान-5 मिशन चंद्रमा के सरफेस का रिसर्च करने के लिए 250 किलोग्राम का रोवर ले जाएगा.
चंद्रयान मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के सरफेस का अध्ययन करना है. 2008 में सफलतापूर्वक चंद्रयान-1 मिशन लॉन्च किया गया था. इसने चंद्रमा की केमिकल, मिनरलोगिकाल एंड फोटो-ज्योग्राफिकल मैपिंग की. चंद्रयान-2 मिशन 2019 में 98 प्रतिशत सफल था, लेकिन लास्ट स्टेज में केवल 2 प्रतिशत मिशन पूरा नहीं हो पाया. इसके बाद भी, चंद्रयान 2 का ऑनबोर्ड हाई-रेजोल्यूशन कैमरा अभी भी सैकड़ों फोटोज भेज रहा है.
चंद्रयान-3 मिशन, चंद्रयान-2 का फॉलो-अप मिशन था, जिसका उद्देश्य मून सरफेस पर सुरक्षिदत लैंडिंग करना था और साथ ही रोविंग क्षमता को साबित करना था. ISRO ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था. इसमें विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा. नारायणन ने यह भी बताया कि तीन दिन पहले ही चंद्रयान-5 मिशन के लिए केंद्र से मंजूरी मिल गई है. इस मिशन में जापान के साथ मिलकर काम किया जाएगा.
चंद्रयान-4 मिशन को 2027 में लॉन्च करने की योजना है. इस मिशन में चंद्रा से सैंपल लाने का उद्देश्य रखा गया है. सिर्फ इतना ही नहीं, नारायणन ने ISRO के भविष्य के परियोजनाओं के बारे में भी बताया, जिसमें गगनयान मिशन के अलावा भारत का खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना भी बनाई गई है.