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ऐसा रहा मिशन Chandrayaan-3 की सफलता का जश्न, जुड़वा नवजात के नाम रखे 'चंद्रयान और चांदनी'

जिस वक्त भारत के चंद्रयान-3 ने चांद की सतह को छुआ तो उसी ऐतिहासिक पल में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला महिला अस्पताल 7 बच्चों ने जन्म लिया. एक तो मिशन चंद्रयान- 3 के सफल होने की खुशी दूसरी तरफ घर में नन्हे मेहमान का आना. ऐसे में कई लोगों ने इस यादगार पल को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया.

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Edited By: Abhiranjan Kumar
ऐसा रहा मिशन Chandrayaan-3 की सफलता का जश्न, जुड़वा नवजात के नाम रखे 'चंद्रयान और चांदनी'

Chandrayaan-3 Success Impact: अक्सर हम सभी ने ये देखा है कि घटना छोटी हो या बड़ी समाज पर उसका प्रभाव जरूर नजर आता है. चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन की सफलता भी इससे अछूती नहीं है. भारत ने कदम तो चांद (Moon) पर रखा लेकिन इसका असर धरती में सामान्य लोगों के जीवन पर साफ नजर आया. भारत (India) का मिशन चंद्रयान-3 सफल होने के बाद पूरा देश जश्न में डूबा गया. लोग अपने-अपने तरीके से इस उपलब्धि को सेलिब्रेट करते नजर आए. लेकिन गोरखपुर में कुछ ऐसा हुआ जो काफी मजेदार रहा और लोगों इस उपलब्धि से किस कदर जुड़े थे ये दर्शाता है.

नजर आया लोगों का जुड़ाव

दरअसल, जिस वक्त भारत के चंद्रयान-3 ने चांद की सतह को छुआ तो उसी ऐतिहासिक पल में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला महिला अस्पताल 7 बच्चों ने जन्म लिया. एक तो मिशन चंद्रयान- 3 के सफल होने की खुशी दूसरी तरफ घर में नन्हे मेहमान का आना. ऐसे में कई लोगों ने इस यादगार पल को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए अपने नवजात का नाम चंद्रयान-3 पर रखा. यहां किसी ने अपने बेटे का नाम चंद्रयान रखा तो किसी ने अपनी नवजात बेटी की नाम चांदनी रखा.

बेटा चंद्रयान तो बेटी चांदनी

दरअसल, गोरखपुर जिला अस्पताल की तरफ से बताया गया चंद्रयान-3 की सफलता के ऐतिहासिक क्षण को जीवन भर याद रखने के लिए कई बच्चों का नाम चंद्रयान-3 अभियान से जोड़कर रखा गया है. जिला महिला अस्पताल में एक नवजात बच्ची का नाम चांदनी रखा गया है. इसी अस्पताल में एक दंपत्ति को जुड़वा बच्चे हुए. जिनमें एक बेटा और एक बेटी है. बच्चों के पिता ने कहा कि उन्होंने गौरवमय पल को यादगार बनाने के लिए बेटे का नाम चंद्रयान और बेटी का नाम चांदनी रखा है.

साथ रहेंगी यादें

गौरतलब है कि भारत का मिशन चंद्रयान-3 सफल रहा है और चांद के साउथ पोल पर लैंड करने वाला पहला देश बना है. चांद पर कदम रखने वाले देशों में भारत दुनिया का चौथा देश बन चुका है. इसरो के साढ़े 16 हजार वैज्ञानिकों की मेहनत रंग ले लाई. भारत अब चांद पर है और और इससे जुड़ी यादे हम सबके जीवन में.

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