menu-icon
India Daily

Chandrayaan-3: चंद्रमा के साउथ पोल पर आसान नहीं है चंद्रयान-3 की लैंडिंग...पढ़ें Inside Story

चंद्रयान-3 को चंद्रमा के साउथ पोल यानी दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करना है. चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग आसान नहीं होगी. ये पहली बार है जब कोई अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचने की कोशिश कर रही है.

auth-image
Edited By: Abhiranjan Kumar
Chandrayaan-3: चंद्रमा के साउथ पोल पर आसान नहीं है चंद्रयान-3 की लैंडिंग...पढ़ें Inside Story

Chandrayaan-3 Landing Moon Dark Side: भारत के मिशन चंद्रयान-3 का काउंटडाउन (Chandrayaan-3) शुरू हो गया है. चंद्रयान-3 लगातार अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है. चंद्रयान-3 बुधवार को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा, ये कामयाबी अंतरिक्ष के क्षेत्र में देश के लिए मील का पत्थर साबित होगी. सॉफ्ट लैंडिंग की कामयाबी के बाद भारत (India) चांद पर कदम रखने वाला चौथा देश बन जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंद्रयान-3 जिस इलाके में लैंडिंग करने वाला है वहां अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) भी नहीं पहुंच सकी है.

साउथ पोल पर हादसे का शिकार हुआ था चंद्रयान-2

चंद्रयान-3 को चंद्रमा के साउथ पोल यानी दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करना है. चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग आसान नहीं होगी. ये पहली बार है जब कोई अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचने की कोशिश कर रही है. इसरो दूसरी बार साउथ पोल के जरिए चांद पर कदम रखने की कोशिश कर रहा है. इसरो का चंद्रयान-2 भी इसी साउथ पोल पर लैंडिंग के दौरान ही हादसे का शिकार हो गया था. अब ऐसे में सवाल ये है कि चंद्रमा की डार्क साइड में चंद्रयान-3 की लैंडिंग आसान क्यों नहीं है और यहां किस तरह की चुनौतियां हैं.

moom south part
 

ठंडा है चांद का साउथ पोल

दरअसल, जिस तरह धरती का साउथ पोल ठंडा है उसी तरह चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव भी बेहद ठंडा क्षेत्र है. यहां पर भारी मात्रा में बर्फ और बड़े गड्ढे हैं. यहां सूर्य की रोशनी भी तिरछी पड़ती हैं. कुछ स्थान तो ऐसे भी हैं जहां सूर्य की रोशनी पहुंच ही नहीं पाती है. अब ऐसी कंडीशन्स में चंद्रयान-3 की सॉफ्ड लैंडिंग आसान नहीं रहने वाली है.

इसरो के पास है पहले से ज्यादा जानकारी

पिछली गलतियों से सबक लेते हुए इसरो ने एक बार फिर साउथ पोल पर चंद्रयान-3 भेजा है. चांद की इस साइड पर अभी तक कोई भी अंतरिक्ष एजेंसी नहीं पहुंच सकी है. इस क्षेत्र में खनिज पाए जाने की संभावना है. इस क्षेत्र के बारे में माना जाता है कि यहां बर्फ है तो पानी भी होगा. इसरो के पास अब पहले से भी ज्यादा जानकारी है. इसलिए माना जा रहा है कि इस बार भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का चंद्रयान-3 सफलता के साथ चांद पर लैंडिंग कर लेगा.

Chandrayaan-3 moon mission1
 

दुनिया देखेगी चांद का दक्षिणी ध्रुव

यहां ये भी बता दें कि चांद की सतह पर उतरने के बाद 6 पहियों वाला रोवर प्रज्ञान दुनिया को बताएगा कि असल में चांद का साउथ पोल कैसा है. इतना लही नहीं प्रज्ञान चांद पर कई साइंटिफिक भी करेगा. फिलहाल चंद्रयान-3 चांद की सतह से 25 किलोमीटर की दूरी पर है. 23 अगस्त को 6.04 बजे लैंडिंग होगी जिसका पूरा देश इंतजार कर रहा है.

यह भी पढ़ें: