चांद की सतह से बस एक कदम की दूरी पर चंद्रयान-3, अगले 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण

Chandrayaan-3 Mission: चांद की तरफ जाने वाली अपनी आखिरी कक्षा में चंद्रयान-3 ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है. यहां से चंद्रयान-3 की यात्रा में अब बेहद ही अहम और निर्णायक बदलाव देखने को मिलेगा.

नई दिल्ली: चांद की तरफ जाने वाली अपनी आखिरी कक्षा में चंद्रयान-3 ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है. यहां से चंद्रयान-3 की यात्रा में अब बेहद ही अहम और निर्णायक बदलाव देखने को मिलेगा. इसरो के अनुसार इस ऑर्बिट में पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 लैंडर को अलग करने की प्रक्रिया शुरू होगी. लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग करने की योजना 17 अगस्त, 2023 को बनाई गई है. इसरो वैज्ञानिकों के अनुसार अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में उनका लैंडर चांद पर होगा और इस सफलता के बाद चांद की यात्रा के लिए आगे के प्रवेश द्वार खुलेंगे.

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इसरो ने किया ट्वीट
इसरो ने एक ट्वीट कर लिखा कि आज की सफल फायरिंग, जो थोड़े समय के लिए आवश्यक थी, चंद्रयान-3 को अपनी मंशा के अनुरूप 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में स्थापित कर दिया है. इसके साथ ही चंद्रयान युद्धाभ्यास पूरा हो जाता है. अब तैयारियों का समय आ गया है क्योंकि प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हो रहे हैं. लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग करने की योजना 17 अगस्त, 2023 को बनाई गई है. अगर सब ठीक रहता है तो 23 अगस्त को लैंडर तय समय के अनुसार चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर जाएगा.

भारत के खाते में अहम उपलब्धि
भारत के चंद्रयान-3 मिशन की तरफ देश ही नहीं बल्कि विदेश की भी नजर है. इस कोई इस मिशन के सफल होने का इंतजार कर रहा है. इस मिशन में सफल होते ही भारत चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा. इसके अलावा भारत सबसे कम दाम में इस मिशन को अंजाम देने वाले पहला देश होगा.

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