Chandigarh Highcourt: भांग के पौधों को नष्ट करने के लिए सौंपे गए हलफनामे पर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने यूटी प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने कहा कि पौधों को काटने के लिए फोटो सौंप दी गई है लेकिन इन पौधों को जड़ से क्यों नहीं उखाड़ा जा रहा. जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संदीप मोदगिल की खंडपीठ ने कहा कि बरसात के मौसम में यह पौधे फिर से बढ़ जाएंगे. ऐसे में इन्हें जड़ से क्यों नहीं उखाड़ा जा रहा?
दरअसल संगरूर में 800 ग्राम भांग की बरामदगी के मामले में आरोपी की जमानत याचिका हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी. सुनवाई के दौरान ही कोर्ट के संज्ञान में इस बात का संज्ञान लाया गया कि सचिवालय के बाहर बड़ी मात्रा में भांग के पौधे लगे हैं. इन्हीं पौधों की मदद से नशीली सामग्री तैयार होती है. शहर के लोग बाद में फिर इनका सेवन करते हुए दिखाई देते हैं. कोर्ट ने कहा था कि यह गंभीर विषय है ऐसे में आम लोगों को इससे दूर रखने के लिए इसे खत्म करना जरूरी है.
हाई कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए चंडीगढ़ प्रशासन को इन पौधों को खत्म करने का आदेश दिया था. सुनवाई के दौरान प्रशासन ने बताया कि कई सेक्टरों से इन पौधों को नष्ट कर दिया गया है. हालांकि हाई कोर्ट इस पर नाराज दिखा.कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से पौधों को काटा गया है वह फिर से उग सकते हैं क्योंकि पौधों को जड़ों से नहीं काटा गया है.
हाई कोर्ट ने इस दौरान कहा कि गृह मंत्रालय के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से जारी हैंडबुक में भांग के पौधों को नष्य करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया है. इस हैंडबुक में कहा गया है कि भांग के पौधों को जलाया जाए या फिर पूरी तरह से उखाड़ फेंका जाए जिससे यह दोबारा न उगे.