Chandigarh Mayor Resigns: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित रूप से छेड़छाड़ मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन यानी आज रविवार को बीजेपी नेता मनोज सोनकर ने मेयर पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने 30 जनवरी को आम आदमी पार्टी (आप) के कुलदीप कुमार को हराकर ये चुनाव जीता था, जिसे INDIA गठबंधन के खिलाफ पहली चुनावी लड़ाई के रूप में देखा जा रहा था. बीजेपी को कुल 16 वोट मिले थे, कांग्रेस और आप के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप सिंह 12 वोट ही हासिल कर पाए. वहीं 8 वोट, जो भाजपा और विपक्ष के बीच टकराव का कारण बने थे, उन्हें अवैध घोषित कर दिया था.
हालांकि AAP के लिए मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं, क्योंकि उसके तीन पार्षद आज भाजपा में शामिल हो गए. 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद हैं. आज तीन और पार्षद बढ़ने के बाद अब ये आंकड़ा 17 हो गया है. दावा ये भी किया जा रहा है कि उन्हें शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद का भी समर्थन प्राप्त है.
भाजपा की चंडीगढ़ सांसद किरण खेर के पास भी पदेन के रूप में मतदान का अधिकार है. इस दौरान भाजपा के पास 19 वोटों का जादुई आंकड़ा बताया जा रहा है. उधर, AAP के पास अब 10 पार्षद हैं, जबकि उनकी सहयोगी कांग्रेस के पास 7 हैं.
30 जनवरी को नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद सदन में हंगामा मच गया. कांग्रेस और AAP पार्षदों ने भाजपा पर धोखाधड़ी व उचित चुनावी प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को एक वीडियो में मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करते हुए पकड़ा गया था, जो सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया है. वहीं बीजेपी ने इस आरोप को खारिज कर दिया है.
मतपत्रों के साथ कथित रूप से छेड़छाड़ करने से स्तब्ध सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह लोकतंत्र का मजाक है. साथ ही आदेश दिया था कि मतपत्रों और चुनावी कार्यवाही के वीडियो को संरक्षित रखा जाए. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मतगणना का एक वीडियो देखने के बाद कहा था कि क्या यह एक रिटर्निंग अधिकारी का व्यवहार है? कोर्ट ने परिषद के नामित सदस्य मसीह को 19 फरवरी को पेश होने को कहा है.
AAP और कांग्रेस ने अदालत की टिप्पणियों को भाजपा के लिए करारा तमाचा बताया है. मेयर का चुनाव मूल रूप से 18 जनवरी को होना था, लेकिन पीठासीन अधिकारी के बीमार पड़ने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने इसे 6 फरवरी के लिए टाल दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी को प्रशासन को 30 जनवरी को सुबह 10 बजे मेयर चुनाव कराने का निर्देश दिया था.
AAP ने सबसे पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया. इसके बाद चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हार गए कुलदीप कुमार हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए.