नई दिल्ली: चंपई सोरेन ने झारखंड के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण ने चंपई सोरेन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर CM पद की शपथ ली है. वहीं उनके साथ आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली है. कांग्रेस नेता आलमगीर आलम पाकुड़ सीट से 4 बार के विधायक हैं और विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं. वहीं आरजेडी के नेता ससत्यानंद भोक्ता चतरा सीट से विधायक हैं और वह तीन बार विधायक रहने के साथ तीन बार मंत्री भी रहे हैं.
चंपई सोरेन हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. वह झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोड़ा गांव के किसान परिवार से आते है. चंपई सोरेन ने भी अपने पिता के साथ उनके खेतों में काम किया है. चंपई सोरेन ने 90 के दशक के अंत में शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और जल्द ही उन्हें 'झारखंड टाइगर' के रूप में प्रसिद्धि मिल गई. कोरोना संकट के दौरान चंपई सोरेन ने अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों की मदद की थी. पार्टी ने उनके लंबे अनुभव और जनता के बीच लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें CM की जिम्मेदारी सौंपी है. सोरेन परिवार के करीबी रिश्तेदार होने के साथ आदिवासी होना उनके पक्ष में गया.
चंपई सोरेन ने सरायकेला सीट पर उपचुनाव के जरिए निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. चंपई सोरेन को अर्जुन मुंडा सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर काम किया. सितंबर 2010 से जनवरी 2013 अवधि के दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी, श्रम और आवास मंत्री की जिम्मेदारी संभाली. वहीं जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन कैबिनेट मंत्री रहे. 2014 में तीसरी बार तो 2019 में चौथी बार विधायक चुने गए.