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India Daily

Waqf Act: वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नहीं होगी नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को दी बड़ी राहत

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला वक्फ संपत्तियों और वक्फ बोर्डों में नियुक्तियों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस संवैधानिक मुद्दे की जांच होने तक कानून के तहत स्थिरता बनाए रखने का प्रयास कर रहा है.

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Edited By: Mayank Tiwari
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया एक सप्ताह का समय
Courtesy: Social Media

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (17 अप्रैल) को केंद्र सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है ताकि वह उन याचिकाओं का उत्तर दे सके जो वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देती हैं. दरअसल, कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से यह भी जानकारी प्राप्त की कि आगामी सुनवाई तक केंद्रीय या राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुसलमानों की नियुक्ति नहीं की जाएगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट को यह आश्वासन भी दिया कि अगले सुनवाई तक, कोई भी वक्फ संपत्ति चाहे वह वक्फ अधिनियम 1995 के तहत पंजीकृत हो या नोटिफिकेशन द्वारा वक्फ के रूप में घोषित की गई हो. उसको डीनोटिफाई या उसकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.

वक्फ संपत्तियों की स्थिति पर अस्थायी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने इस आश्वासन को दर्ज किया, जिससे वक्फ संपत्तियों की स्थिति पर अस्थायी राहत मिलती है, खासकर उन संपत्तियों के लिए जो वक्फ अधिनियम 1995 के तहत रजिस्टर्ड हैं. भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) ने यह साफ किया कि इस अवधि के दौरान 1995 अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड किसी भी वक्फ संपत्ति को प्रभावित नहीं किया जा सकता है.

कोर्ट की ओर से नियुक्तियों पर रोक

इसके अतिरिक्त, केंद्र ने कोर्ट को सूचित किया कि वह केंद्रीय वक्फ परिषद और विभिन्न वक्फ बोर्डों में कोई नई नियुक्तियां नहीं करेगा. यह जानकारी कोर्ट के उस आशय के बाद दी गई, जिसमें उसने मौजूदा स्थिति बनाए रखने की बात की थी, जब तक मामला पूरी तरह से निपट न जाए. सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि इस दौरान कोई प्रशासनिक बदलाव, विशेषकर नियुक्तियों, को लेकर नहीं किया जाएगा. साथ ही यह निर्देश दिया कि मौजूदा ढांचे को संरक्षित किया जाए, ताकि मामले का अंतिम फैसला लिया जा सके.

वक्फ संशोधन कानून पर 5 मई को होगी SC में अगली सुनवाई 

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब 5 मई को अगली सुनवाई करेगा. बताया जा रहा है कि इस दिन सिर्फ अंतरिम आदेशों और निर्देशों पर हो सुनवाई की जाएगी. इस दौरान सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, “अगली सुनवाई की तारीख को सिर्फ निर्देशों और अंतरिम आदेशों पर ही बात होगी.सुनवाई को अधिक व्यवस्थित बनाने के लिए कोर्ट ने ये साफ किया कि अगली बार से सिर्फ पांच याचिकाकर्ता ही कोर्ट में मौजूद रहेंगे.बाकी याचिकाओं को या तो आवेदन के रूप में माना जाएगा या निपटा हुआ समझा जाएगा.