menu-icon
India Daily

'प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया, सैकड़ों परिवारों के सपने उजड़ गए...', वायनाड पीड़ितों से मिलने के बाद बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को केरल के वायनाड का दौरान किया और भूस्खलन के पीड़ितों से मुलाकात की. इसके बाद पीएम ने एक समीक्षा बैठक की जिसमें उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया. पीएम ने कहा कि हम पीड़ितों को और राशि देने की कवायद करेंगे.

auth-image
Edited By: India Daily Live
PM MODI
Courtesy: Social media

Wayanad Tragedy: प्रधानमंत्री मोदी आज केरल के वायनाड पहुंचे जहां उन्होंने भूस्खलन के पीड़ितों से मुलाकात की. घटनास्थल का आकलन करने के बाद पीएम मोदी ने केरल के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की जिसमें मुख्यमंत्री  पिनाराई विजयन भी मौजूद रहे. बैठक के दौरान पीएम ने कहा, 'वायनाड में जो लोग इस भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं हमारी दुआएं उनके साथ हैं. मैं केंद्र की तरफ से पीड़ितों को हरसंभव मदद का आश्वासन देता हूं.'

यह त्रासदी सामान्य नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे  कहा, "... मैंने जब से इस आपदा के बारे में सुना तब से मैं यहां पर संपर्क में रहा और पल-पल की जानकारी लेता रहा. केंद्र सरकार के जितने भी अंग है जो भी इस स्थिति में काम आ सकते हैं उसे तुरंत काम पर लगाया गया... जो परिवार इसमें घिरे हैं उनकी सहायता करना. यह त्रासदी सामान्य नहीं है. सैकड़ों परिवार के सपने उजड़ गए हैं.''

 प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया

पीएम ने कहा, ''प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया है मैंने वहां जाकर परिस्थिति को देखा. मैं पीड़ितों से भी मिला. मैं अस्पताल में भी उन सभी मरीज़ से मिला हूं जो इस आपदा के कारण अनेक प्रकार की चोट के कारण मुसीबत का समय बिता रहे हैं. ऐसे संकट के समय जब हम साथ मिलकर काम करते हैं तो उत्तम परिणाम मिलता है..."

हम और भी राशि देने की कवायद करेंगे

समीक्षा बैठक के दौरान पीएम ने कहा,  "भारत सरकार और देश इस संकट में यहां के पीड़ितों के साथ है... मैं विश्वास दिलाता हूं सभी पीड़ितों और उनके परिजनों को हम सब इस संकट में उनके साथ हैं. सरकार में नीति नियमों के तहत सहायता राशि दी गई है हम और भी राशि देने की क़वायद करेंगे."

हम केरल सरकार से साथ

पीएम ने कहा, 'बहुत ही उदारता पूर्वक सभी समस्याओं के समाधान के लिए केरल सरकार के साथ भारत सरकार खड़ी रहेगी... छोटे बच्चों औऱ जिन्होंने अपनो को खोया है उनके लिए एक लंबे समय तक की योजना बनाने का निर्णय लिया है... 1979 में जब गुजरात के मोरबी में बारिश के बाद डैम नष्ट हुआ था और उसका सारा पानी शहर में घुस गया था, 2500 से ज़्यादा लोग इससे प्रभावित हुए थे. उस समय मैंने वॉलेंटियर के रूप में कार्य किया था और मैं ऐसी आपदा की परिस्थिति को भलीभांति जानता हूं... केंद्र सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी... हमारी ओर से पूरा सहयोग रहेगा..."