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'ईमानदार कैंडिडेट्स पर असर होगा...', केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बता दिया NEET-UG परीक्षा रद्द होगी या नहीं?

NEET UG Exam 2024 : नीट पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. सरकार ने कोर्ट से अपील की है इस परीक्षा को रद्द न किया जाए. इसके पीछे केंद्र ने तर्क दिया कि परीक्षा को रद्द करने से लाखों ईमानदार कैंडिडेट्स पर इसका खतरनाक असर पड़ेगा. उनके साथ कहीं न कहीं गलत होगा. इसलिए इस परीक्षा को रद्द न किया जाए. इसके अलावा केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि उसने एनटीए में सुधार के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है. इसके अलावा सरकार ने यह भी बताया कि नीट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई कर रही है.

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Edited By: India Daily Live
NEET UG Exam 2024
Courtesy: Social Media

NEET UG Exam 2024 : केंद्र सरकार ने नीट यूजी परीक्षा 2024 को लेकर जारी विवाद के बीच  सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. सरकार ने परीक्षा को पूरा तरह से रद्द न करने की अपील की है. हलफनामे में सरकार ने कहा कि बताया कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर अनियमितता के सबूत न मिलने के अभाव में इसे रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा. केंद्र ने हलफनामे में आगे कहा कि परीक्षा को रद्द करने से इसका असर लाखों ईमानदार कैंडिडेट्स पर भी पड़ेगा. उनका रिजल्ट खराब हो सकता है. ऐसे में परीक्षा को रद्द न किया जाए.

नीट परीक्षा को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. नीट पेपर लीक में अब तक 6 राज्यों से 38 गिरफ्तारियां हो चुकी है. सीबीआई ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया जबकि अन्य राज्यों की पुलिस और आपराधिक शाखा ने इस पेपर लीक से जुड़े आरोपियों को गिरफ्तारी की है.

'ईमानदार उम्मीदवारों को पर पड़ेगा असर'

केंद्र ने हलफनामे में कहा - "परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से  प्रश्नों को हल करने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को गंभीर रूप से खतरा होगा. परीक्षा में गोपनीयता के किसी बड़े पैमाने पर उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में, पूरी परीक्षा और पहले से घोषित परिणामों को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा."

हलफनामे में कहा गया कि भारत सरकार परीक्षा में प्रश्न पत्रों की गोपनीयता को समझती है. यदि किसी के कारण परीक्षा की गोपनीयता भंग हुई है तो सरकार उसके खिलाफ जरूरी कानूनी कार्रवाई करेगी.

केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा कि नीट यूजी 2024 पेपर में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई को कहा गया है. इसके साथ केंद्र ने आगे बताया कि परी भारत सरकार सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से करवाने के लिए प्रतिबद्ध  है.

NTA के सुधार के लिए गठित की कमेटी

इसके साथ ही केंद्र सरकार ने यह भी बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में सुधार के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर के राधाकृष्णन इस कमेटी के अध्यक्ष हैं. यह कमेटी में NTA को बेहतर बनाने के साथ सही तरीके से परीक्षाओं को कराया जाए इसके लिए भी सुझाव देगी.

कैसे शुरू हुआ था विवाद?

नीट परीक्षा यूजी 2024 में 67 छात्रों ने टॉप किया था. सभी के 720 में से 720 अंक थे. नतीजों के बाद विवाद शुरू हुआ. बाद में एनटीए ने बताया कि 1568 बच्चों को परीक्षा में पूरा समय न मिल पाने की वजह से अतिरिक्त समय दिया गया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के बाद एनटीए ने ग्रेस मार्क्स को रद्द कर दिया था और उन छात्रों के लिए 23 जून को दोबारा परीक्षा आयोजित कराई थी