बिना कोई काम धाम किए केवल ऑफिस में कुर्सी तोड़ने वाले सरकारी कर्मचारी अब सावधान हो जाएं क्योंकि मोदी सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है. केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों से अपने कर्मचारियों के कामकाज की समय-समय पर समीक्षा करने को कहा है और आदेश दिया है कि काम न करने वालों को समय से पहले रिटायर कर दिया जाए.
समय-समय पर कर्मचारियों के काम की समीक्षा
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने एक आदेश में संबंधित मंत्रालयों से कहा है कि वे अपने प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बैंकों, स्वायत्त संस्थानों और सांविधिक निकायों को कर्मचारियों के काम की समय-समय पर समीक्षा करने का निर्देश दें.
डीओपीटी ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन की समीक्षा करने का निर्देश जारी किया गया है ताकि ये पता लगाया जा सके कि क्या उन्हें सार्वजनिक हित में सेवा में बनाए रखा जाना चाहिए या समय से पहले ही उन्हें उनकी सेवा से मुक्त कर देना चाहिए.
आदेश का पालन नहीं कर रहे मंत्रालय
विभाग ने कहा कि सभी संस्थानों को कई बार इस बाबत निर्देश दिए गए हैं लेकिन मंत्रालयों ने इस आदेश का पालन नहीं किया है जिससे ऐसे लोगों को सेवा से मुक्त करने में देरी हो रही है. डीओपीटी ने सभी मंत्रालयों, विभागों और संगठनों को इस आदेश का कड़ाई से पालन करने को कहा है ताकि निष्क्रिय और अप्रभावी कर्मचारियों को सरकार में बने रहने की अनुमति न दी जाए.
15 तारीख तक प्रस्तुत करें रिपोर्ट
डीओपीटी ने कहा कि जुलाई 2024 से प्रत्येक महीने की 15 तारीख तक एक विशेष प्रारूप में कर्मचारियों की समीक्षा रिपोर्ट डीओपीटी के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी. विभाग ने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य सभी स्तरों पर जिम्मेदार और कुशल प्रशासन विकसित करके प्रशासनिक मशीनरी को मजबूत करना और सरकारी कार्यों के निपटान में दक्षता, मितव्ययिता और गति प्राप्त करना है.