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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, अंगदान के लिए मिलेगी 42 दिनों की आकस्मिक छुट्टी, यहां पढ़ें पूरी डिटेल

सरकार के इस फैसले के पीछे देश में अंग दान की भारी जरूरत प्रेरणा का स्रोत है. इस नीति के जरिए यह उम्मीद की जा रही है कि संभावित दानकर्ताओं को काम से छुट्टी या नौकरी खोने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. इससे सरकारी कर्मचारियों द्वारा अधिक अंग दान को बढ़ावा मिलेगा.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
central government announced 42 days of casual leave for government employees for organ donation

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत अंग दान करने वाले कर्मचारियों को 42 दिनों की विशेष आकस्मिक छुट्टी दी जाएगी. यह कदम सरकारी कर्मचारियों में अंग दान के प्रति झिझक को कम करने में मदद करेगा, क्योंकि यह सर्जरी के बाद पर्याप्त आराम और स्वास्थ्य लाभ का समय सुनिश्चित करता है. यह भारत में अंग दान को बढ़ावा देने की दिशा में एक शानदार कदम है, जो कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण को समर्थन देने के साथ-साथ अन्य संगठनों के लिए भी एक मिसाल कायम करता है.

42 दिनों की विशेष आकस्मिक छुट्टी

2 अप्रैल, 2025 से कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने एक ज्ञापन जारी किया है, जिसमें इस विशेष अवकाश की बारीकियों को स्पष्ट किया गया है. ज्ञापन के अनुसार, केंद्र सरकार का कोई भी कर्मचारी जो अंग दान करता है, उसे दान किए गए अंग के प्रकार की परवाह किए बिना अधिकतम 42 दिनों की विशेष आकस्मिक छुट्टी मिलेगी. इस छुट्टी का उद्देश्य दानकर्ता को पूर्ण स्वास्थ्य लाभ और सर्जरी के बाद स्वस्थ होने में सक्षम बनाना है.

कर्मचारियों को अंग दान के लिए प्रेरित करना उद्देश्य
सरकार के इस फैसले के पीछे देश में अंग दान की भारी जरूरत प्रेरणा का स्रोत है. इस नीति के जरिए यह उम्मीद की जा रही है कि संभावित दानकर्ताओं को काम से छुट्टी या नौकरी खोने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. इससे सरकारी कर्मचारियों द्वारा अधिक अंग दान को बढ़ावा मिलेगा. यह कदम न केवल अनगिनत जिंदगियों को बचाने में मदद करेगा, बल्कि देश भर में स्वास्थ्य परिणामों को भी बेहतर करेगा.

चिकित्सा और नैतिक पहलू
अंग दान एक चिकित्सीय प्रक्रिया है, जिसमें सर्जरी शामिल होती है और इसे गंभीरता से विचार करने की जरूरत होती है. यह छुट्टी सुनिश्चित करती है कि दानकर्ता आवश्यक चिकित्सा जांच, सर्जरी और स्वास्थ्य लाभ को बिना कार्यभार के तनाव के पूरा कर सके. सरकार ने इस कदम से अंग दान की परोपकारी भावना को स्वीकार किया है और ऐसे सराहनीय कदम उठाने वाले कर्मचारियों की कोशिशों की सराहना की है.