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India Daily

पाकिस्तान पर होने वाला प्रहार! पहलगाम हमले को लेकर राजनाथ-CDS अनिल चौहान के बीच अहम मुलाकात

सुरक्षा उपाय के तौर पर, भारत ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया है. इन पदों को दोनों उच्चायोगों में समाप्त माना गया है. सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा.

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Edited By: Mayank Tiwari
CDS अनिल चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की मुलाकात (फाइल फोटो)
Courtesy: Social Media

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को हुई आतंकी घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल बन गया है. इस पर चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने रविवार (27 अप्रैल) को दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए सेना द्वारा लिए गए 'महत्वपूर्ण निर्णयों' के बारे में जानकारी दी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह बैठक मंगलवार (22 अप्रैल) को हुए घातक हमले के जवाब में बुलाई गई थी, जिसमें 26 लोगों, जिनमें एक नेपाली नागरिक सहित ज़्यादातर पर्यटक शामिल थे. जिन्हें बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया. बता दें कि, साल 2019 के पुलवाम हमले के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है.

आतंकी हमले वाली जगह पर NIA ने जांच की तेज

वहीं, इस घटना के बाद, 23 अप्रैल से पहलगाम आतंकी हमले वाली जगह पर तैनात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीमों ने सबूतों की तलाश तेज कर दी है. फिलहाल हालात के मद्देनजर भारतीय सेना भी हाई अलर्ट पर है और आतंकियों को निष्क्रिय करने के लिए कई तलाशी अभियान चला रही है. इस हमले ने देशभर में आक्रोश पैदा किया है, और पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं.

पहलगाम हमले के बाद दिल्ली में हुई सीसीएस की बैठक

23 अप्रैल को राष्ट्रीय राजधानी में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई, जिसमें पहलगाम हमले की विस्तृत जानकारी दी गई. CCS ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई. इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. वहीं, बैठक में हमले के सीमा पार संबंधों को उजागर किया गया. यह नोट किया गया कि यह हमला केंद्र शासित प्रदेश में सफल चुनाव और आर्थिक विकास की दिशा में स्थिर प्रगति के बीच हुआ.