इलेक्टोरल बॉन्ड से खूब चंदा देने वाली मेघा इंजीनियरिंग के खिलाफ CBI ने दर्ज किया केस, 315 करोड़ का है मामला
CBI Case against Megha Engineering: इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा सामने आने के बाद राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चुनावी चंदा देने वाली दूसरे नंबर की मेघा इंजीनियरिंग कंपनी अब कानूनी शिकंजे में फंसती नजर आ रही है.
CBI Case against Megha Engineering: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी गलियारों में एक मुद्दा जिसने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी, वो था इलेक्टोरल बॉन्ड. इस मुद्दे को लेकर जहां विपक्ष लगातार ये आरोप लगाता रहा है कि ये सत्ताधारी मोदी सरकार की ओर से किया गया सबसे बड़ा घोटाला है, तो वहीं मोदी सरकार का दावा है कि चुनावी चंदा सिर्फ बीजेपी को नहीं मिला है बल्कि सभी पार्टियों को दिया गया है.
इस बीच सीबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी और उसके 8 अधिकारियों पर केस दर्ज कर लिया है. सीबीआई ने यह केस एनआईएसपी की 315 करोड़ रुपये की परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट, इस्पात मंत्रालय के आठ अधिकारियों के साथ-साथ मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ दर्ज किया है.
मेघा इंजीनियरिंग ने दिया था सबसे ज्यादा चंदा
उल्लेखनीय है की सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी के महीने में चुनावी चंदे के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड को अंसवैधानिक करार देते हुए एसबीआई से सभी देनदारों का डेटा चुनाव आयोग को सौंपने को कहा था और साथ ही चुनाव आयोग को इसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया. चुनाव आयोग की तरफ से जब डेटा अपलोड किया गया तो मेघा इंजीनियरिंग का नाम राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चुनावी चंदा देने वाली कंपनियों की लिस्ट में शुमार था.
कंपनी ने खरीदे थे 1,200 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड
रिपोर्ट के अनुसार मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 2019 और 2023 के बीच 1,200 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. इसमें से उन्होंने मेघा इंजीनियरिंग के जरिए उन्होंने 966 करोड़ रुपये, तो वहीं अपनी उप कंपनीज वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, स्पेक पावर और ईवे ट्रांस प्राइवेट लिमिटेड के जरिए 266 करोड़ रुपए का चंदा दिया था.
मेघा इंजीनियरिंग ने 566 करोड़ बीजेपी को दिए
इन इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मेघा इंजीनियरिंग ने 566 करोड़ रुपए का चंदा भारतीय जनता पार्टी को दिया तो वहीं 195 करोड़ का चंदा भारतीय राष्ट्रीय समिति को भी दिया. इसके अलावा डीएमके की पार्टी को 85 करोड़, वाईएसआर कांग्रेस को 37 करोड़, तेलुगु देशम पार्टी को 28 करोड़, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 24 करोड़, बिहार प्रदेश जनता दल को 10 करोड़, जनता दल को 5 करोड़ और जनसेना पार्टी को 4 करोड़ रुपए का चुनावी चंदा दिया था.
कौन है मेघा इंजीनीयरिंग का मालिक
मेघा इंजीनीयरिंग की बात करें तो यह कंपनी देश के 54वें सबसे अमीर आदमी पीपी रेड्डी की है जिन्होंने 360 वन वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2023 के अनुसार पिछले एक साल में 24,700 करोड़ रुपए जोड़े हैं. किसान परिवार से आने वाले पीपी रेड्डी ने 33 साल पहले 2 कर्मचारियों के साथ 1989 में मेघा इंजीनियरिंग की नींव रखी और आज यह कंपनी इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है.
पाइप बनाने का काम करती थी कंपनी
शुरुआती दौर में रेड्डी की कंपनी नगर पालिकाओं में पाइप बनाने का काम करती थी लेकिन धीरे-धीरे सड़क, बांध और प्राकृतिक गैस वितरण नेटवर्क और लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं में काम शुरू किया और ग्रोथ की राह पकड़ ली. फिलहाल देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी सबसे ज्यादा चुनावी चंदा देने की वजह से चर्चा में रहने के बाद कानूनी शिकंजे में भी पड़ती नजर आ रही है.