कावेरी के पानी पर नहीं थम रही रार, CWRC के फैसले पर कर्नाटक सीएम सिद्दारमैया ने बुलाई बैठक
कावेरी जल विनियमन समिति (CWRC) ने कर्नाटक को जुलाई महीने की 31 तारीख तक हर दिन 1 हजार मिलियन घन फीट पानी देने का निर्देश दिया है. CWRC के इस आदेश के खिलाफ सीएम सिद्धारमैया ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा कि वह इस CWRC के इस आदेश को कावेरी पानी प्रबंधन समिति में चुनौती देंगे. उन्होंने कहा कि इस बार सामान्य मानसून के पूर्वानुमान के बावजूद कावेरी बेसिन में सभी चार जलाशयों में पानी का प्रवाह 28% कम है.
Cauvery Water Dispute: कावेरी नदी के पानी को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु में विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. कावेरी जल विनियमन समिति (CWRC) ने कर्नाटक सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह कावेरी नदी का पानी तमिलनाडु को छोड़े. CWRC का यह फैसला सीएम सिद्धारमैया को रास नहीं आ रहा है और उन्होंने CWRC के इस आदेश के खिलाफ 14 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. कर्नाटक सरकार ने CWRC के इस आदेश के खिलाफ अपील करने का भी फैसला किया है.
CWRC ने दिया हर दिन 1 हजार मिलियन घन फीट पानी देने का आदेश
दरअसल, CWRC ने कर्नाटक सरकार को इस महीने के अंत तक तमिलनाडु को हर दिन 1 हजार मिलियन घन फीट पानी देने को कहा है. सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि इस बार सामान्य मानसून के पूर्वानुमान के बावजूद कावेरी बेसिन में सभी चार जलाशयों में पानी का प्रवाह 28% कम है. उन्होंने कहा कि इस बात को राज्य ने CWRC के संज्ञान में लाया था और उससे जुलाई के अंत तक पानी के छोड़े जाने पर कोई फैसला न लेने का अनुरोध किया था लेकिन समिति ने कर्नाटक को 12 से 31 जुलाई तक तमिलनाडु को प्रतिदिन 1 tmcft पानी छोड़े जाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि हम CWRC के फैसले के खिलाफ कावेरी पानी प्रबंधन समिति (CWMA) में अपील करेंगे.
क्या बोले डिप्टी सीएम शिवकुमार
राज्य के डिप्टी सीएम और सिंचाई विभाग मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि कावेरी बेसिन के सभी चार जलाशयों का जल भंडारण अभी तक केवल 62% हुआ है. अभी भंडारण में 28% की कमी है. उन्होंने कहा कि हरंगी जलाशय में जल का भंडारण 73%, हेमावती जलाशय में 55%, कृष्णराज सागर (KRS) में 54% और काबिनी में 96% हो चुका है.
क्या काबिनी से तमिलनाडु को पानी छोड़ा जाएगा?
क्या काबिनी से तमिलनाडु को पानी छोड़ा जाएगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि काबिनी 96% भर चुका है और सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए बांध से पानी को छोड़ा जा रहा है. क्या मांड्या जिले के कमांड क्षेत्र में किसानों को सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाएगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में इस बाद का फैसला होगा.