'बहुएं भाग जाती हैं...' पर आया अंशुमान की पत्नी का जवाब, स्मृति सिंह ने कहा, 'जिसकी जैसी सोच...'
Anshuman Singh Wife: मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किए गए कैप्टन अंशुमान सिंह का परिवार इन दिनों खूब चर्चा में है. उनके माता-पिता ने अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह पर आरोप लगाए हैं कि वह कीर्ति चक्र और पैसे लेकर चली गई हैं और अंशुमान के परिवार से नाता तोड़ लिया है. अंशुमान के पैरेंट्स के बयान सोशल मीडिया पर वायरल हैं. इस मामले में अंशुमान की पत्नी स्मृति ईरानी ने पहली बार जवाब दिया है.
सियाचिन में शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह इन दिनों खूब चर्चा में हैं. हाल ही में उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था. उसके कुछ दिनों बाद ही अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह पर उनके सास और ससुर ने तमाम आरोप लगाए हैं. एक वीडियो इंटरव्यू में अंशुमान सिंह के माता-पिता ने कहा था कि उनका बेटा तो शहीद हो गया और अब बहू भी चली गई. शहीद होने के बाद मिले पैसों को लेकर भी कुछ बातें कही गई थीं. इस मामले में अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह ने अब पहली बार जवाब दिया है. अंशुमान की मां ने कहा था कि बहुएं भाग जाती हैं. इस पर स्मृति का कहना है कि जिसकी जैसी सोच है, वह वैसा ही कहेगा.
बताते चलें कि स्मृति सिंह उस वक्त चर्चा में आईं जब वह कैप्टन अंशुमान सिंह का कीर्ति चक्र लेने राष्ट्रपति भवन गईं. उनके साथ अंशुमान की मां मंजू सिंह भी थीं. कीर्ति चक्र लेते समय दोनों भावुक हो गई थीं और उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. इसके कुछ दिनों के बाद अंशुमान के माता-पिता ने आरोप लगाए कि बहू उन्हें छोड़कर जा चुकी है. इतना ही नहीं, यह भी कहा गया कि स्मृति ने वह एटीएम भी बंद करा दिया है जो अंशुमान की मां यानी मंजू सिंह इस्तेमाल करती थीं.
क्या बोलीं स्मृति सिंह?
इसके बाद से ही स्मृति सिंह को भला-बुरा कहा जाने लगा. हालांकि, स्मृति का पक्ष सामने नहीं आया था. अब एक अखबार से बातचीत में पहली बार स्मृति ने अपनी बात रखी है. अपने ऊपर लगे आरोपों पर स्मृति ने कहा, 'मैं अभी बाहर हूं, मैंने वह वीडियो नहीं देखा है, वीडियो देखने के बाद ही मैं जवाब दूंगी. जिसकी जैसी सोच है, वह वैसा ही कहेगा. मुझे कोई आपत्ति नहीं है.' वहीं, स्मृति के पिता ने भी इन आरोपों पर जवाब देने से इनकार कर दिया है.
पिछले साल जुलाई के महीने में सियाचिन में शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह को इसी साल 5 जुलाई को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. इसके बाद उनके परिवार ने कहा कि बहू ही कीर्ति चक्र भी लेकर चली गई और उनके पास बेटे की कोई निशानी ही नहीं बची. इसी को लेकर अंशुमान के माता-पिता ने नियमों में बदलाव की मांग भी की जिससे शहीद की पत्नी के साथ-साथ उनके माता-पिता को भी अधिकार मिले.