कांग्रेस से दशकों पुराना नाता तोड़ने वाले कौन है मिलिंद देवड़ा, जानें पिता मुरली देवड़ा ने कैसे निभाई गांधी परिवार से वफादारी?
पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे का ऐलान किया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए मिलिंद देवड़ा ने लिखा कि आज मेरी राजनीतिक यात्रा के एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ.
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे का ऐलान किया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए मिलिंद देवड़ा ने लिखा कि आज मेरी राजनीतिक यात्रा के एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ. कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से मैंने अपना त्यागपत्र दे दिया है. कांग्रेस पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हुआ. मैं वर्षों से उनके अटूट समर्थन के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं.
55 सालों से कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है देवड़ा परिवार
मिलिंद देवड़ा का परिवार आधी सदी से अधिक यानी 55 वर्षों से कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है. मिलिंद देवड़ा के पिता मुरली देवड़ा एक अनुभवी कांग्रेस नेता थे, जो केंद्र सरकार में विभिन्न मंत्री पदों पर रहे. राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने से पहले मुरली देवड़ा 1970 के दशक में मुंबई के मेयर भी रहे. सियासी चर्चाओं की मानें तो वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होंगे. इंडिया ब्लॉक के गठबंधन सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) की ओर से मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट पर दावा किये जाने को लेकर मिलिंद देवड़ा ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी
जानें कौन है मिलिंद देवड़ा?
मिलिंद देवड़ा ने बोस्टन विश्वविद्यालय के क्वेस्ट्रॉम स्कूल ऑफ बिजनेस से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया है. राजनीति में आने से पहले मिलिंद देवड़ा ने अमेरिका और भारत में कॉरपोरेट सेक्टर में विभिन्न पदों पर काम किया. साल 2008 में उन्होंने फिल्म निर्माता मनमोहन शेट्टी की बेटी पूजा शेट्टी से शादी की थी. मिलिंद देवड़ा की पत्नी पूजा शेट्टी एक फिल्म निर्माण कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर हैं.
मिलिंद देवड़ा मनमोहन सरकार में निभा चुके है अहम जिम्मेदारी
कांग्रेस के दिग्गज नेता मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद देवड़ा ने 2004 और 2009 में मुंबई दक्षिण सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने थे. देवड़ा ने बतौर सांसद रक्षा, नागरिक उड्डयन, अनुमान, शहरी विकास और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समितियों में काम किया. 2011 में मिलिंद देवड़ा केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री बने. इसके बाद अक्टूबर 2012 में उन्होंने जहाजरानी राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली. देवड़ा 2014 में मोदी लहर के दौरान अपनी सीट नहीं बचा सके. वह 2014 और 2019 में शिवसेना (अविभाजित) नेता अरविंद सावंत के खिलाफ लोकसभा चुनाव हार गए थे. मिलिंद कभी राहुल गांधी के बेहद करीबी हुआ करते थे. महाराष्ट्र की सियासत में देवड़ा परिवार की अलग ही पहचान है. इसी को ध्यान में रखते हुए देवड़ा को हाल ही में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का संयुक्त कोषाध्यक्ष नामित किया गया था. वह मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
जानें कौन है मुरली देवड़ा?
मिलिंद देवड़ा के पिता मुरली देवड़ा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत 1968-78 में मुंबई के नगर निगम पार्षद के रूप में शुरू किया. वह 1982-85 के दौरान महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य बने. देवड़ा 1977 से 78 के बीच मुंबई के मेयर रहे और दक्षिण मुंबई से चार बार लोकसभा के लिए चुने गए. वे 22 सालों तक मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. पार्टी के प्रति उनकी वफादारी को देखते हुए साल 2006 में मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल के दौरान उन्हें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री के रूप में चुना गया. मनमोहन सरकार में दूसरे कार्यकाल में मुरली देवड़ा को कार्पोरेट मामले के मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
राजीव गांधी के करीबी विश्वासपात्र रहे है मिलिंद देवड़ा
मिलिंद देवड़ा के पिता मुरली देवड़ा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी विश्वासपात्र थे. मुरली देवड़ा कांग्रेस पार्टी फंड जुटाने वाले एक प्रमुख व्यक्ति थे, जिनके भारत के अधिकांश प्रसिद्ध उद्योगपतियों के साथ व्यक्तिगत संबंध थे. वह दिवंगत उद्योगपति धीरूभाई अंबानी के करीबी पारिवारिक मित्र थे और धीरूभाई के बच्चे मुकेश और अनिल उन्हें चाचा मानते थे. साल 2014 में मुरली देवड़ा का मुंबई में निधन हो गया.