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RG कर अस्पताल से जुड़े पुराने केस की भी जांच करेगी CBI, हाई कोर्ट ने दिया सारी गड़बड़ियां उजागर करने का आदेश

RG Kar Medical College and Hospital: कलकत्ता हाई कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से जुड़े अख्तर अली केस को एसआईटी से सीबीआई को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. 24 अगस्त की सुबह 10 बजे तक SIT इस केस से जुड़े सभी डाक्यूमेंट सीबीआई को सौंपेगी.

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Edited By: India Daily Live
Calcutta High Court
Courtesy: Social Media

RG Kar Medical College and Hospital: कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर रेप और मर्डर केस के अलावा अस्पताल से जुड़े एक अन्य केस को जांच करने का आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट ने अस्पताल के वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े मुकदमें को SIT से सीबीआी को ट्रांसफर करने के आदेश दिया है. अब सीबीआई उप अधीक्षक अख्तर अली केस की जांच करेगी. 24 जुलाई की सुबह 10 बजे तक एसआईटी की टीम को सीबीआई को केस से संबंधित सभी कागजात देने का आदेश दिया है. 

एक दिन पहले हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार को फटकार लगाई थी कि सरकारी कोलकाता अस्पताल में वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप पहली बार सामने आने के एक साल बाद एसआईटी का गठन क्यों किया गया? 

क्या है अख्तर अली केस?

इसके साथ कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि अघर जरूरी हो तो याचिकाकर्ता अख्तर अली सुरक्षा के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. सीबीआई उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगी. 

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व  डिप्टी सुपरिटेंडें अख्तर अली ने अदालत में याचिका दायर कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं की प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जांच कराने की मांग की थी. उन्हें संदेह है कि पूर्व  प्रिंसिपल ने अपने कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर वित्तीय गड़बड़ियां की है. इस केस की जांच करने के लिए एक साल बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. 

पक्षकार बनने की याचिका खारिज

हाई कोर्ट आरजी कर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पर वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगए गए हैं. कोर्ट ने मामले में पक्षकार बनने की घोष की याचिका खारिज कर दी.

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित SIT टीम पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी मामला सामने आने के एक साल बाद क्यों एसआईटी का गठन किया गया.